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न्यूजीलैंड संसद में सनसनी, सांसद लॉरा मैकलारेन ने दिखाई अपनी न्यूड फोटो

न्यूजीलैंड संसद में सनसनी : सांसद ने दिखाई AI-जनरेटेड न्यूड डीपफेक फोटो, उठाया कड़ा कानून का मुद्दा

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हमें फॉलो करें Nude photo of New Zealand MP laura mcclure

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 5 जून 2025 (12:54 IST)
New Zealand MP Laura mcclure Nude Photo: न्यूजीलैंड की संसद में उस समय हड़कंप मच गया, जब सांसद लॉरा न्यूजीलैंड संसद में सनसनी, सांसद लॉरा मैकलारेन ने दिखाई अपनी न्यूड फोटो ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने संसद में एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि यह मेरी नग्न तस्वीर है। यह सुनते ही सभी सांसद स्तब्ध रह गए। हालांकि, न्यूजीलैंड संसद में सनसनी, सांसद लॉरा मैकलारेन ने दिखाई अपनी न्यूड फोटो ने तुरंत स्पष्ट किया कि यह तस्वीर वास्तविक नहीं, बल्कि AI-जनरेटेड डीपफेक है, जिसे उन्होंने केवल 5 मिनट में बनाया था। इस घटना का मकसद था डीपफेक तकनीक के बढ़ते खतरे को उजागर करना। 
 
मैकलारेन ने बताया कि ऐसी नकली तस्वीरें और वीडियो बनाना अब कितना आसान हो गया है, खासकर युवा महिलाओं को निशाना बनाने के लिए। एक नए कानूनी विधेयक के समर्थन में बोलते हुए उन्होंने डीपफेक बनाने वालों के लिए कठोर सजा की वकालत की। उनका कहना था कि इस तकनीक के दुरुपयोग से निजता, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिरता को गंभीर खतरा है।
 
डीपफेक के खतरे और चुनौतियां 
मैकलारेन ने डीपफेक के दुरुपयोग से होने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला :  
  • निजता का हनन : बिना सहमति के बनाई गई फर्जी अश्लील तस्वीरें या वीडियो अपमान और ब्लैकमेल का कारण बन सकते हैं।  
  • साइबरबुलिंग : डीपफेक का इस्तेमाल खासकर महिलाओं और युवाओं को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए हो सकता है।  
  • गलत सूचना : फर्जी वीडियो या तस्वीरें चुनावों और सामाजिक धारणाओं को प्रभावित कर सकती हैं।
  • वित्तीय धोखाधड़ी : डीपफेक के जरिए ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में एक कंपनी को डीपफेक के कारण 2 लाख 40 हजार डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।
डीपफेक के सकारात्मक पहलू और समाधान : हालांकि, डीपफेक तकनीक का उपयोग शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कानून और जागरूकता जरूरी है। मैकलारेन ने जोर देकर कहा कि सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए ताकि इस तकनीक का गलत इस्तेमाल रोका जा सके। यह घटना न केवल न्यूजीलैंड बल्कि वैश्विक स्तर पर डीपफेक के खतरों पर बहस को तेज करने वाली साबित हो सकती है।

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