नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर में लगभग 1222 गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के उन बैंक खातों का सत्यापन कराने को कहा है, जिनमें इन संगठनों को विदेशों से मिलने वाली सहायता राशि जमा कराई जाती है। ऐसा न करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इन संगठनों की सूची में श्री रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन, इंदौर कैंसर फाउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट, कोयंबटूर क्रिश्चियन चेरिटेबल ट्रस्ट, दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क सोसाइटी, हिंदू अनाथ आश्रम और मदनी दारुत तरबियत जैसे बड़े एनजीओ भी शामिल हैं।
मंत्रालय ने विदेशी सहायता विनियमन कानून (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत इन एनजीओ को जारी निर्देश में निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंक खातों का सत्यापन नहीं कराने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
मंत्रालय ने जिन एनजीओ को नोटिस जारी किया है उनमें गूंज, जेके ट्रस्ट, रोटरी क्लब ऑफ मुंबई, मदीना एजुकेशन एंड चेरिटेबल सोसायटी, रहमते आलम हॉस्पिटल ट्रस्ट अनंतनाग, नगालैंड बाइबल कॉलेज आदि शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने एफसीआरए के तहत पंजीकृत सभी एनजीओ को किसी एक निर्दिष्ट बैंक खाते में ही विदेशी सहायता जमा कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए एनजीओ को अपने निर्दिष्ट खातों का सत्यापन कराना अनिवार्य है, लेकिन सूची में शामिल संगठनों ने अब तक निर्दिष्ट बैंक खातों का सत्यापन नहीं कराया है।
इससे संबद्ध बैंकों को एनजीओ के खातों में विदेशी सहायता जमा कराए जाने के 48 घंटे के भीतर केन्द्र सरकार को इसकी सूचना देने की अनिवार्यता का पालन करना मुश्किल हो रहा है। एफसीआरए के प्रावधानों के तहत सभी बैंकों को किसी भी एनजीओ के खाते में विदेशी सहायता जमा होने या ऐसे खाते से पैसा निकाले जाने की जानकारी 48 घंटे के भीतर सरकार को देना अनिवार्य है।
सरकार ने नवंबर 2016 में 11 हजार से अधिक विदेशी सहायता प्राप्त एनजीओ को पंजीकरण का 28 फरवरी 2017 तक नवीनीकरण कराने को कहा था। इनमें से लगभग 3500 एनजीओ ने इसके लिए आवेदन किया, शेष एनजीओ का पंजीकरण स्वत: रद्द किए जाने योग्य मान लिया गया। एफसीआरए के तहत फिलहाल लगभग 22 हजार एनजीओ पंजीकृत हैं। (भाषा)