नीरव मोदी ने पीएनबी को लिखा पत्र, बैंक ने खुद बंद किए वसूली के रास्ते

Webdunia
मंगलवार, 20 फ़रवरी 2018 (07:34 IST)
मुंबई। देश के बैंकिंग इतिहास की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी के मुख्य कर्ताधर्ता नीरव मोदी ने कहा है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने मामले को सार्वजनिक कर उससे बकाया वसूलने के सारे रास्ते बंद कर लिए हैं। इसके साथ ही मोदी का दावा है कि पीएनबी का उसकी कंपनियों पर बकाया बैंक द्वारा बताई गई राशि से बेहद कम है।
 
पीएनबी प्रबंधन को 15/16 फरवरी को लिखे एक पत्र में मोदी ने कहा कि उसकी कंपनियों पर बैंक का बकाया 5,000 करोड़ रुपए से कम है।
 
पत्र के अनुसार, 'गलत तौर पर बताई गई बकाया राशि से ‘मीडिया में होहल्ला’ हो गया और परिणाम स्वरूप तत्काल तौर पर खोज का काम शुरू हो गया और परिचालन भी बंद हो गया।' पत्र में मोदी ने लिखा है, 'इससे समूह पर बैंक के बकाया को चुकाने की हमारी क्षमता खतरे में पड़ गई है।'
 
उल्लेखनीय है कि मोदी, अपने परिवार समेत जनवरी के पहले हफ्ते में ही देश छोड़कर भाग गया था।
 
उसने कहा, '13 फरवरी को की गई मेरी पेशकश के बावजूद बकाया को तत्काल पाने की व्यग्रता में (बैंक ने जानकारी 14/15 फरवरी को सार्वजनिक की) आपकी कार्रवाई ने मेरे ब्रांड और कारोबार को तबाह कर दिया और इससे अब बकाया वसूलने की आपकी क्षमता सीमित हो गई है। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

संजय राउत गुस्से में, उठाए चुनाव परिणाम पर सवाल, जनता के बारे में कही ये बात

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

'गौतम सर ने कहा था कि तेज गेंदों का ऐसे सामना करो जैसे देश के लिए गोली खानी हो': नीतिश रेड्डी

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: कौन होगा महाराष्‍ट्र का मुख्‍यमंत्री, भाजपा विधायक दल की होगी बैठक

LIVE: महाराष्‍ट्र में रुझानों में महायुति की सरकार, महागठबंधन का हाल बेहाल

LIVE: झारखंड में रुझानों में हेमंत सोरेन की सरकार, JMM गठबंधन को कितनी सीटें

विजयपुर उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत हारे, गुटबाजी और भितरघात भाजपा पर पड़ी भारी

LIVE: जीत के बीच फडणवीस को अमित शाह का कॉल, शिंदे बोले, ज्यादा सीट मतलब CM नहीं

अगला लेख