निर्भया कांड के दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उसने खुद को मानसिक रोगी बताते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग की।
दोषी विनय ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दी। वकील एपी सिंह के जरिए दायर अर्जी में विनय ने कहा कि वह मानिसक रूप से बीमार है और कानूनन मानसिक रोगी को फांसी नहीं दी जा सकती।
याचिका में विनय शर्मा ने कहा कि तिहाड़ जेल में लगातार टार्चर किए जाने से उसे 'इमेंस साइकोलॉजिकल ट्रॉमा' नाम की मानसिक बीमारी हो गई है। उसने जेल में इलाज के दस्तावेज देते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की। राष्ट्रपति ने 1 फरवरी को विनय की दया याचिका खारिज कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार ने निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने का नया डेथ वॉरंट जारी करने लिए अर्जी दायर की थी। ट्रायल कोर्ट में आज दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी।
दोषी विनय शर्मा, मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी थी, लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था।
इससे पहले, निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की मांग को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील की। अदालत ने चारों दोषियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की बेंच 14 फरवरी को इस मामले में सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि इस सुनवाई का ट्रायल कोर्ट द्वारा नया डेथ वारंट जारी करने के मामले पर असर नहीं पड़ेगा।