नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि पूरी दुनिया में आर्थिक उथल-पुथल है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है।
नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रैंस में उन्होंने कहा कि अमेरिका और जर्मनी में भी गिरावट है। यह सब अमेरिका और चीन के बीच चल रहे 'ट्रेड वार' का नतीजा है। इस अवसर पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद हैं।
भारत की आर्थिक स्थिति पर बयान देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार के एजेंडे में सुधार सबसे ऊपर हैं। हम 2014 से ही सुधार की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट के बाद हमने उद्यमियों को बुलाया था।
उन्होंने कहा कि भारत में व्यापार-कारोबार करना आसान हुआ। टैक्स का निपटारा बिना आमने-सामने बैठे होता है। सुधार की प्रक्रिया ऑटोमैटिक हो गई है। प्रत्येक विभाग लगातार काम कर रहा है।
और क्या कहा निर्मला सीतारमण ने...
- कैपिटल गेन्स सरचार्ज को सरकार ने वापस लेगी सरकार।
- सभी नोटिस सेंट्रल सिस्टम से जारी होंगे।
- रेपो रेट घटने से कम होगी ईएमआई।
- बैंक से कर्ज लेना हो जाएगा आसान।
- रेपो रेट के साथ ब्याज दर भी जुड़ेगी।
- लोन सेटलमेंट की शर्तें आसान होंगी।
- लोन की अर्जियों पर रहेगी ऑनलाइन नजर।
- एफपीआई पर सरचार्ज वापस लेगी सरकार। इससे विदेशी निवेशकों को होगा फायदा।
- सरकारी बैंकों के लिए 7000 करोड़।
- टैक्स और लेबर कानून में सुधार हो रहा है।
- जीएसटी को और लेबर कानून में सुधार करने जा रहे हैं।
- दुनिया के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर
- कंपनी एक्ट के तहत 14 हजार मामले वापस हुए।
- सरकार लोगों को तंग करे, यह बात बेमानी।
- इनकम टैक्स रिटर्न भरना हमने आसान बनाया।
- दशहरे से टैक्स विवाद आसानी से दूर हो जाएंगी।
- सीएसआर का उल्लंघन अब आपराधिक नहीं।
- अब तक के नोटिस 1 अक्टूबर तक निपटाएंगे।
- सरकार मामले लटकाकर नहीं रखेगी।
- आर्थिक सुधार लगातार जारी।