Indian Economy : भारतीय अर्थव्यवस्था 3 साल में जर्मनी और जापान को छोड़ देगी पीछे, नीति आयोग के सीईओ ने जताया अनुमान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 (19:29 IST)
Indian Economy News : नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 3 साल में जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगी और 2047 तक यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है। सुब्रह्मण्यम ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत, दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र बन सकता है, क्योंकि अन्य सभी चीजों से परे लोकतंत्र इसकी सबसे बड़ी ताकत है। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत विश्वभर में कामकाजी आयु वर्ग के लोगों का एक स्थिर आपूर्तिकर्ता होगा। यह हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी।
 
विश्व की 5वीं सबसे बड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था : उन्होंने कहा कि फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की 5वीं सबसे बड़ी  अर्थव्यवस्था है। अगले वर्ष के अंत तक हम 4थी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। उसके बाद वाले साल में हम 3री सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था का आकार वर्तमान में 4,300 अरब अमेरिकी  डॉलर है।
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हम 3 वर्ष में जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देंगे : उन्होंने कहा कि हम 3 वर्ष में जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देंगे। 2047 तक हम दूसरी  सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (30,000 अरब अमेरिकी डॉलर) बन सकते हैं। सुब्रह्मण्यम ने विधि और लेखा कंपनियों सहित सभी भारतीय फर्मों से विश्व  में अग्रणी बनने की आकांक्षा रखने का आग्रह किया। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि मध्यम आय वाले देशों की समस्याएं, कम आय वाले  देशों की समस्याओं से बेहद अलग हैं। उन्होंने कहा कि यह गरीबों को भोजन देने या लोगों को कपड़े उपलब्ध कराने के बारे में नहीं है। यह इस  बारे में है कि आप ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था कैसे बनें?
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सुब्रह्मण्यम ने कहा कि दुनिया ने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी, जहां जनसंख्या घटेगी। उन्होंने दावा किया कि जापान 15,000 भारतीय नर्सों तथा  जर्मनी 20,000 स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं ले रहा है, क्योंकि उनके पास ऐसे पेशेवर लोग नहीं हैं। वहां पारिवारिक व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई हैं।  सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत विश्वभर में कामकाजी आयु वर्ग के लोगों का एक स्थिर आपूर्तिकर्ता होगा। यह हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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