बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक से एक दिन पहले गुरुवार को यहां पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब अटकलें लगाई जा रही हैं कि ललन सिंह, कुमार के पार्टी अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ कर सकते हैं।
पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा कि कुमार के पक्ष में सिंह के पद छोड़ने के बारे में संगठन के भीतर भी बातचीत चल रही है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों शीर्ष नेताओं में से किसी ने भी अब तक ऐसा कोई संदेश नहीं दिया है।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि आमतौर पर राष्ट्रीय परिषद की बैठक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ओर से लिए गए किसी फैसले पर अनुमोदन के लिए बुलाई जाती है।
पदाधिकारियों ने राजनीतिक एजेंडे की विषय-वस्तु पर चर्चा की, जिसे पार्टी की शीर्ष इकाइयों की शुक्रवार को होने वाली बैठक में मंजूरी दी जाएगी।
बैठक के बाद जद (यू) के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने इन सवालों को खारिज कर दिया कि मुख्यमंत्री भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम राजग में शामिल नहीं हो रहे हैं।
पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि पदाधिकारियों ने शुक्रवार की बैठक के लिए राजनीतिक एजेंडे पर चर्चा की, लेकिन किसी भी संगठनात्मक बदलाव पर कोई चर्चा नहीं हुई।
शुक्रवार को जातिगत जनगणना और बिहार में आरक्षण में वृद्धि जैसे मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा होने की संभावना है।
पदाधिकारियों की बैठक से पहले सिंह ने कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की और बाद में दोनों नेता एक साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे।
इसे दोनों नेताओं की ओर से पार्टी में 'सब ठीक है' का संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है।
इससे पहले, ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर मीडिया द्वारा एक विमर्श खड़ा किया जा रहा है।
राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक से पहले पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच सिंह ने कहा कि यह बैठक नियमित है और उनकी पार्टी एकजुट है।
सिंह ने थोड़ी तल्खी के साथ कहा कि अगर मुझे इस्तीफा देना है, तो मैं आपको (मीडियाकर्मियों को) बुलाऊंगा और आपसे परामर्श करूंगा कि त्याग पत्र में क्या लिखना है ताकि आप भाजपा कार्यालय जा सकें और मसौदा प्राप्त कर सकें।
सिंह ने कहा कि यह एक नियमित बैठक है। उन्होंने कहा कि आप कहानी गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं... जद (यू) एक है और एकजुट रहेगी।
दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले पटना में संवाददाताओं से बातचीत में कुमार ने अपनी पार्टी में उथल-पुथल की अटकलों को खारिज करते हुए कहा था कि दिल्ली में जद (यू) का दो दिवसीय सम्मेलन एक सामान्य और वार्षिक आयोजन है, जिसमें कुछ भी असाधारण नहीं है।
पिछले कुछ दिनों से मीडिया के एक वर्ग में अटकलें लगाई जा रही थीं कि सिंह को सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से कथित निकटता के कारण अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए कहा जा सकता है।
मीडिया में यह भी दावा किया जा रहा था कि पिछले साल अगस्त में भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का रुख कर सकते हैं।
नीतीश और सिंह दशकों से बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। सिंह 2010 और 2013 के बीच की अवधि को छोड़कर कुमार के प्रमुख सहयोगी भी रहे हैं। इस अवधि में सिंह ने जद (यू) छोड़ दी थी। भाषा