पटना। बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच जदयू ने मंगलवार को राजग से नाता तोड़ लिया। इससे पहले जदयू के सांसदों और विधानमंडल दल की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि कैसे भाजपा उनके दल को तोड़ने की कोशिश कर रही है? ऐसे में अब भाजपा के साथ नाता नहीं रखना चाहते हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि कोई उनके दल को तोड़े यह कहीं से भी उचित नहीं है। बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने श्री कुमार को निर्णय लेने के लिए अधिकृत भी किया, जिसके बाद उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ने की घोषणा की।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश राजग से नाता तोड़ने के बाद आज शाम चार बजे राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करेंगे।
इससे पूर्व जदयू के नालंदा से सांसद कौशलेन्द्र ने भी दावा किया कि पार्टी के विधायकों को भाजपा की ओर से तोड़ने के लिए प्रलोभन दिया गया था। विधायकों को भाजपा की ओर से 6-6 करोड़ रुपए का ऑफर देने की बात कही गई।
इससे पहले रविवार को जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी कहा था कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए चिराग मॉडल अपनाया गया था। बाद में आरसीपी सिंह के रूप में फिर से चिराग मॉडल-2 लाया जा रहा था लेकिन समय रहते जदयू ने इसे पहचान लिया। उन्होंने कहा था कि हम सब जानते हैं कि चिराग मॉडल किसका था। कहा गया कि उनका इशारा भाजपा की ओर था।
बिहार में राजनीतिक घमासान जदयू द्वारा पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने के मामले में स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद शुरू हुआ, जिसकी परिणति प्रदेश में राजग में टूट के रूप में सामने आया।
बहरहाल प्रदेश की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने भी आज महागठबंधन के विधायकों की बैठक बुलाई है। ऐसा माना जा रहा है कि महागठबंधन नीतीश कुमार को नई सरकार बनाने में अपना समर्थन देगा।