नई दिल्ली। bihar politics : बिहार में जेडीयू-भाजपा गठबंधन की सरकार में फिलहाल सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। दोनों दलों के बीच 'टकराव' के कयास रविवार को उस वक्त और ज्यादा तेज हो गए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। ऐसे में बिहार में सियासी चर्चा तेज है कि नीतीश कुमार जल्द ही भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। नीतीश कुमार ने मंगलवार को पार्टी के विधायकों और सांसदों की बैठक भी बुलाई है। इधर भाजपा को नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है।
नीतीश पर जताया भरोसा : पार्टी के सांसदों व विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहले जनता दल (यूनाइटेड) ने सोमवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो भी फैसला लिया जाएगा वह संगठन में सभी को स्वीकार्य होगा। जद(यू) प्रवक्ता केसी त्यागी ने यह भी कहा कि पार्टी के अंदर किसी तरह के विभाजन या फूट का कोई सवाल ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जद (यू) के निर्विवाद नेता हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों में उनका सम्मान है। इसलिए पार्टी में किसी तरह के बंटवारे का सवाल ही नहीं है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी जो भी फैसला करेगी उसे सभी स्वीकार करेंगे।
पार्टी अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने सोमवार को कहा कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के त्यागपत्र के बाद उभरे राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा के लिए मंगलवार को कुमार ने पार्टी के विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है।
भाजपा ने बताया कयासबाजी : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ने की अटकलों के बीच प्रदेश भाजपा ने निश्चिंतता जताते हुए आज कहा कि राज्य में सरकार पूरी तरह से स्थिर है और सत्ता परिवर्तन की बातें सिर्फ कयासबाजी हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद संजय जायसवाल ने सोमवार को कहा कि बिहार सरकार स्थिर है। यहां कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन की बातें सिर्फ कयासबाजी है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग से अलग होने के सवाल पर कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। वहीं, उन्होंने जदयू की ओर से भाजपा पर जदयू को कमजोर करने का आरोप लगाने के सवाल पर कहा कि ऐसा कोई आरोप भाजपा पर जदयू ने नहीं लगाया है। किसी नेता की ओर से ऐसा कुछ नहीं कहा गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मंगलवार को जदयू अपने सांसद और विधायकों की बैठक बुला रहा है तो यह बिल्कुल सामान्य बात है। भाजपा ने भी 30 और 31 जुलाई को अपने सांसद और विधायकों सहित देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी।
सांसद ने कहा कि यह किसी भी दल के लिए सामान्य बात है। इसे लेकर अटकलें नहीं लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जदयू की होने वाली बैठक भी उसी तरह है। सभी राजनैतिक दल अपने नेताओ के साथ बैठक करते हैं।
राजद से नाता जोड़ने की अटकलें : राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि जदयू जल्द ही बिहार में राजग से नाता तोड़कर मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सरकार बना सकती है। जदयू के सांसदों की कल होने वाली बैठक को भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। न सिर्फ जदयू बल्कि राजद, कांग्रेस, वाम दल और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने भी बैठक बुलाई है। इसी वजह से राज्य में सत्ता परिवर्तन की बातें होने लगी। भाजपा ने अब इन बातों को अटकलबाजी करार दिया है।
चिराग बोले भाजपा से करें मुकाबला : लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाटेड (जदयू) पर निशाना साधते हुए चुनौती दी कि वह उनपर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाने के बजाय सीधे भाजपा से मुकाबला करे। पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिराग ने नीतीश कुमार को उनके बजाय अपने करीबी सहयोगियों से अधिक खतरा होने का दावा किया।