पटना। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज स्पष्ट किया कि पार्टी के नेता रहे आरसीपी सिंह बगैर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के ही केंद्र के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा कि जेडीयू डूबता जहाज नहीं है, डुबोने वालों का नीतीश ने इलाज कर दिया है।
अध्यक्ष सिंह ने रविवार को यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में खुलासा करते हुए कहा कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बगैर ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो गए थे। कुमार इस बात का यदि खंडन करते तो अच्छा नहीं लगता। लिहाजा वे चुप रह गए लेकिन अब पार्टी ने तय किया है कि वर्ष 2019 के स्टैंड पर कायम रहते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ जाए।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस्तीफा देने वाले आरसीपी सिंह के जदयू को डूबता हुआ जहाज कहे जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि जदयू डूबता नहीं दौड़ता हुआ जहाज है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर कहा कि श्री कुमार के खिलाफ षड्यंत्र हुआ है। कुमार का कद छोटा करने की साजिश रची गई। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग मॉडल बनाकर नीतीश कुमार के खिलाफ षड्यंत्र हुआ और अब आरसीपी सिंह को मॉडल बनाया जा रहा था।
सिंह ने आरसीपी सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि केयरटेकर को पार्टी का सर्वेसर्वा नहीं समझना चाहिए। आरसीपी सिंह पर जदयू में रहते हुए पार्टी के खिलाफ साजिश रचने वाला बताते हुए कहा कि उनका मन यहां तो तन कहीं और था। लेकिन सत्ता जाने से आरसीपी सिंह बौखलाए हुए हैं। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता आज मुख्यधारा में हैं लेकिन जो साजिश रच रहे थे वे आज पार्टी से अलग हो गए हैं।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमार ने समय रहते षड्यंत्रकारी को पहचान लिया है। आरसीपी सिंह को क्या पता कि समता पार्टी और जदयू का गठन कैसे हुआ। आरसीपी सिंह कभी संघर्ष के साथी नहीं रहे बल्कि वे सत्ता के साथी रहे है इसलिए वे कहीं भी जा सकते हैं।
सिंह ने प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की ओर से रविवार को महंगाई पर आयोजित प्रतिरोध मार्च पर कहा कि महंगाई बढ़ी है। ऐसे में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी का विरोध महंगाई के खिलाफ है। हालांकि राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालूप्रसाद यादव के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो की रेड पर उन्होंने चुप्पी साध ली।