अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए बनने वाले ट्रस्ट में सरकार और भाजपा को कोई भी सदस्य नहीं होगा। इस बात का एलान खुद गृहमंत्री अमित शाह ने किया है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 9 फरवरी से पहले राममंदिर ट्रस्ट का गठन कर दिया जाएगा और इसको लेकर सभी पक्षों से लगातार बातचीत कर दौर जारी है। राममंदिर ट्रस्ट के स्वरूप के बारे में बात करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि ट्रस्ट में भाजपा का कोई भी सदस्य इसका सदस्य नहीं होगा और इससे स्पष्ट है कि जब ट्रस्ट में भाजपा का कोई भी सदस्य शामिल नहीं होगा तो सरकार का भी व्यक्ति इसमें शामिल नहीं होगा।
इसके साथ ही गृहमंत्री ने स्पष्ट किया है कि राममंदिर ट्रस्ट पूरी तरह स्वतंत्र होगा और राममंदिर निर्माण का पूरा काम राममंदिर ट्रस्ट ही करेगा। राममंदिर निर्माण में सरकार के किसी भी प्रकार के दखल से इंकार करते हुए अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि इसमें सरकार का कोई भी दखल नहीं होगा और ट्रस्ट ही तय करेगा कि राम मंदिर का स्वरूप क्या होगा। गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध थी और अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरा देश चाहता है कि अयोध्या में भव्य राममंदिर बने।
गृहमंत्री अमित शाह का राममंदिर ट्रस्ट को लेकर यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि राममंदिर ट्रस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शामिल करने की मांग हो रही थी। इसके साथ ही राममंदिर आंदोलन से जुड़े भाजपा के कई वरिष्ठ सदस्यों को भी राममंदिर ट्रस्ट में शामिल किए जाने की मांग हो रही है। 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर राममंदिर ट्रस्ट के गठन करने के निर्देश दिए थे जिसकी समय सीमा 9 फरवरी को खत्म हो रही है। इधऱ अयोध्या पर सुप्रीम कोर्चट के फैसले से जुड़े सभी मामलों को देखने के लिए केंद्र सरकार ने एक विशेष डेस्क बनाई है।