नई दिल्ली। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए 1988 के रोड रेज मामले में उन्हें सुनाई गई एक साल कैद की सजा के लिए आत्मसमर्पण करने के वास्ते कुछ हफ्तों का समय देने का अनुरोध किया। हालांकि शीर्ष अदालत ने राहत की अर्जी पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सिद्धू को गुरुवार को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए कहा था कि अपर्याप्त सजा देने के लिए किसी भी अनुचित सहानुभूति से न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान होगा और इससे कानून पर जनता के विश्वास में कमी आएगी।
सिद्धू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ के समक्ष मामले को रखा और कहा कि पूर्व क्रिकेटर को आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए।
सिंघवी ने पीठ से कहा कि निश्चित तौर पर वह जल्द ही आत्मसमर्पण करेंगे। हमें आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए। यह 34 साल बाद है। वह अपने चिकित्सीय मामलों को देखना चाहते हैं।
पीठ ने सिंघवी से कहा कि मामले में फैसला एक विशेष पीठ ने दिया है। पीठ ने कहा कि आप यह अर्जी प्रधान न्यायाधीश के समक्ष दाखिल कर सकते हैं। अगर प्रधान न्यायाधीश आज पीठ का गठन करते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे। अगर पीठ उपलब्ध नहीं है तो इसका गठन किया जाएगा। उस मामले के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया गया था। इस पर सिंघवी ने कहा कि वह मामले को प्रधान न्यायाधीश के समक्ष पेश करने की कोशिश करेंगे।