चारधाम यात्रा के प्रतिबंध हटने के बाद बद्रीनाथ और केदारनाथ आने वालों की संख्या में अचानक हुए इजाफे से बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर वाहनों का दबाव बढ़ने से जगह-जगह जाम से चारधाम यात्रियों और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्रवार को इस हाई वे पर 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया जो 4 घंटे तक हजारों यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बना रहा। बरसात में जगह-जगह आए मलबे के कारण सड़कों की खराब हालत एस जाम का कारण मानी जा रही है। केदार मार्ग में तो चंद्रापुरी, भीरी, कुंड, गुप्तकाशी, सौड़ी समेत तमाम बाजारों में भी जाम के कारण पूरे दिन स्थानीय लोगों को भी फंसा रहने को मजबूर कर रहा है।
बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर के पास चमधार में घंटों तक जाम लग रहा है। बारिश के दौरान हुए भूस्खलन के चलते यहां हाईवे बेहद संकरा हो गया है। चारों धामों में आ रहे तीर्थयात्रियों के कारण अब धामों की रौनक तो बढ़ गई है, लेकिन यात्रियों को दर्शनों के लिए लम्बी लाइन लगाकर इंतजार करना पड़ रहा है। इस बार 18 सितंबर से शुरू हुई चारधाम यात्रा अब समापन की और है।
यात्रा शुरू होने से अब तक केदारनाथ धाम के 60 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। केदार के दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु केदारपुरी को बाबा केदार के जयकारों से गुंजायमान किए हुए हैं।
20 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ के कपाट : गढ़वाल हिमालय स्थित श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शनिवार 20 नवंबर वृष लग्न में सायं 6 बजकर 45 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। बद्रीनाथ के कपाट बंदी से पूर्व सम्पन्न होने वाली पंच पूजाएं मंगलवार 16 नवंबर से शुरू होगी। विजयादशमी के पावन पर्व पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित पंचांग गणना के दौरान यह तिथि घोषित की गई। तिथि की घोषणा विधि विधान से पूजा-अर्चना पंचांग गणना पश्चात रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा की गई।
दूसरी ओर, केदारनाथ धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 6 नवंबर भैया दूज को बंद हो जाएंगे। गंगोत्री धाम के कपाट शुक्रवार 5 अक्टूबर गोवर्धन पूजा/ अन्नकूट के दिन बंद किए जाएंगे। पंच केदारों के कपाट बंद होने की तिथियां भी घोषित हो गई हैं। जिसके अनुसार द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर भगवान के कपाट 22 नवंबर को, तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट 30 अक्टूबर को बंद होंगे। चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त में बंद हो जाएंगे।