नई दिल्ली। लंका नरेश रावण, उसके बेटे मेघनाद और भाई कुंभकर्ण का पुतला दहन किए जाने के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार दशहरा शुक्रवार को देशभर में उल्लास के साथ मनाया गया, जबकि पिछले साल कोविड-19 के मामले बढ़ने की वजह से समारोह फीका रहा था। अयोध्या, राजधानी दिल्ली समेत विभिन्न स्थानों पर भव्य रामलीला का भी आयोजन किया गया।
विसर्जन के दौरान हादसे : नदियों और जलाशयों में प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही दुर्गा पूजा उत्सव भी शुक्रवार को संपन्न हो गया। हालांकि, छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन करने जा रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 17 अन्य घायल हो गए। वहीं, राजस्थान के धौलपुर में 5 लोग देवी दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान पार्वती नदी में डूब गए।
राष्ट्रनायकों की शुभकामनाएं : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विजयादशमी या दशहरा के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी। मोदी ने ट्वीट किया, विजयादशमी के पावन अवसर पर आप सभी को अनंत शुभकामनाएं। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि यह त्योहार देश में शांति, सद्भाव और समृद्धि लेकर आएगा।
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, विजयादशमी के पावन पर्व पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। दशहरा का पर्व हमें याद दिलाता है कि हमें अपने भीतर की आसुरी शक्तियों से लगातार लड़ने और अच्छाई एवं सद्भाव को बल देने की आवश्यकता है।
यहां रावण की पूजा हुई : सुरक्षा अधिकारियों की कड़ी निगरानी के बीच यह पर्व कोविड-19 नियमों के अनुपालन के साथ मनाया गया। वहीं, कई स्थानों पर रावण का पुतला बगैर पटाखों के दहन किया गया और सोशल मीडिया मंचों पर इसका सीधा प्रसारण किया गया। हालांकि, उत्तर प्रदेश में मथुरा के एक मंदिर में रावण की पूजा की गई। लंकेश मित्र मंडल द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन यमुना नदी के तट पर स्थित मंदिर में किया गया।
मंडल के राष्ट्रीय प्रमुख ओमवीर सारस्वत ने कहा कि फसल अवशेष (पराली) जलाने के खिलाफ चलाए गए अभियान की तरह ही सरकार को रावण का पुतला दहन करने के खिलाफ भी एक अभियान शुरू करना चाहिए क्योंकि यह भी पर्यावरण प्रदूषण करता है।
दिल्ली में दशहरा का उत्सव दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोविड-19 नियमों का अनुपालन करते हुए रावण का पुतला दहन कर मनाया गया और प्रतिमाओं का विसर्जन जलाशयों में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लाल किले के ऐतिहासिक लव-कुश रामलीला में दशहरा उत्सव में शामिल हुए।
डीडीएमए ने उत्सव के दौरान मेले और खाने-पीने की दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी थी। दिल्ली में त्योहारी कार्यक्रम खड़े होकर देखने की भी अनुमति नहीं थी। सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन करते हुए सिर्फ कुर्सियों पर बैठकर ही इसमें शामिल होने की अनुमति थी।
बालाजी रामलीला कमेटी के राज कुमार भाटी के मुताबिक सख्त दिशानिर्देशों के बावजूद पूर्वी दिल्ली में कड़कड़डूमा के सीबीडी मैदान में अनियंत्रित भीड़ मौजूद रही। पंजाब और हरियाणा तथा उनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में रावण के विशाल पुतले का दहन किया गया।
बोम्माला कोलुवु : ओडिशा के गंजाम जिले के ब्रहमपुर शहर में राज्य के कुछ तेलुगू समुदाय के लोगों ने लुप्त होती बोम्माला कोलुवु परम्परा का पालन किया, जबकि राज्य के अधिकतर हिस्सों में कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के कारण जश्न को सीमित ही रखा गया। बोम्माला कोलुवु, भारत में शरद ऋतु में मनाया जाने वाला गुड़ियों तथा मूर्तियों का उत्सव है। इसे नवरात्रि के पहले दिन से दशहरे तक मनाया जाता है।
कर्नाटक के मैसुरू में दशहरा उत्सव : हाथियों के भव्य जंबू सवारी जुलूस के साथ कर्नाटक के मैसुरू में 10 दिवसीय दशहरा उत्सव का समापन हो गया। हालांकि, मैसुरु राजमहल अगले नौ दिनों तक जगमगाता नजर आएगा। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पर्यटकों की खातिर ऐसी व्यवस्था करने का आदेश दिया।
कोविड-19 के साए में कई पाबंदियां लगी थीं, जिस कारण आम लोग नहीं जुट पाए क्योंकि प्रशासन ने आगंतुकों पर रोक लगा दी थी और सीमित पास जारी किए थे।
किसानों ने जलाया मोदी का पुतला : संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को दशहरे के अवसर पर राजस्थान के जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनेक-सिर वाला रावण जैसा पुतला जलाया, जिसके अन्य चेहरों में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य के फोटो भी लगे थे।
पुतले के अनेक चेहरों पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मोहन लाल खट्टर और व्यवसायी मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के फोटो लगाए गए थे।
भाजपा महिला मोर्चा ने राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटसरा के खिलाफ मार्च किया और दशहरा पर उनका पुतला फूंका।