जम्मू। कश्मीर में बसंत बहार के आने से पहले ही टूरिस्टों की बहार आ चुकी है। वैष्णोदेवी के तीर्थस्थल पर आने वाले भी नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। यह बात अलग है कि तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही अगर वैष्णोदेवी आने वालों का आंकड़ा ढलान पर आने लगा था तो कश्मीर में आंकड़ों का ग्राफ ऊपर जाने लगा था।
इस साल सिर्फ फरवरी महीने में ही कश्मीर में आकर रंगीन वादियों में खो जाने वालों की संख्या टूरिज्म से जुड़े लोगों के लिए उत्साहजनक रही है। कश्मीर के पर्यटन विभाग के निदेशक फजलुल हफीज इसकी पुष्टि करते हुए खुशी प्रकट करते हैं कि पहली बार फरवरी महीने में यह आंकड़ा एक लाख को पार कर गया।
अभी तक यही होता था कि जनवरी के बाद कश्मीर और वैष्णोदेवी में आने वालों की संख्या कम होती जाती थी। इसके लिए कई कारण जिम्मेदार होते थे। सबसे बड़ा कारण छात्रों की परीक्षा का समय होने के कारण ऐसा होता था। पर इस साल की शुरूआत के साथ ही जो नया ट्रेंड देखने को मिला है वह चौंकाने वाला है।
हफीज के बकौल, जनवरी में भी कश्मीर आने वालों ने नया रिकॉर्ड बनाया था। हालांकि वे जनवरी महीने की संख्या मुहैया करवाने की स्थिति में नहीं थे पर कहते हैं कि अब साइंटिफिक तरीके से इन आंकड़ों को एकत्र किया जा रहा है ताकि यह भी पता लगाया जा सके कि किस उम्र के पर्यटक को कौनसा इलाका ज्यादा पसंद आया, ताकि उसी के मुताबिक वहां सुविधाएं और बढ़ाई जा सकें। यह भी सच है कि वैष्णोदेवी आने वाले श्रद्धालुओं ने भी इस बार नया रिकॉर्ड बनाया है।
पिछले साल के मुकाबले इस साल जनवरी व फरवरी में 1.39 लाख श्रद्धालु ज्यादा आए। पिछले साल दोनों महीनों में आने वालों की संख्या 7.99 लाख थी तो इस बार यह बढ़कर 9.38 लाख तक पहुंच गई है। इस साल जनवरी में 5.24 लाख श्रद्धालु आए, जो पिछले साल के जनवरी महीने से 85 हजार ज्यादा थे तो इसी तरह फरवरी में आने वालों की संख्या 4.14 लाख थी जो पिछले साल की बनिस्बत 53 हजार अधिक है।