नई दिल्ली। सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए एक स्वनियामकीय व्यवस्था बनाए जाने के साथ ही भारत में स्थित उनके पते का सत्यापन अनिवार्य करने का प्रावधान नियमों के मसौदे में किया है। अगर आप ऑनलाइन गेमिंग पसंद करते हैं तो आपको भी KYC करानी होगी। कंपनियों को भी एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा जो ऑनलाइन गेमिंग मध्यस्थ का कर्मचारी होगा और भारत का निवासी होगा।
सोमवार को प्रकाशित इन नियमो के मसौदे के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत लाया जाएगा। ये नियम सोशल मीडिया कंपनियों के लिए वर्ष 2021 में जारी किए गए थे। मसौदे पर 17 जनवरी तक राय मांगी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नियमों के मसौदे में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में लागू कानूनों का अनुपालन जरूरी करने के साथ ही कहा है कि जुआ या सट्टेबाजी से संबंधित कोई भी कानून इन कंपनियों पर लागू होगा। मंत्रालय ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा कि मसौदा संशोधनों का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों की वृद्धि सुनिश्चित करने के साथ ही उन्हें जिम्मेदार ढंग से संचालित करना है।
नियमों के मसौदे में गेमिंग कंपनियों के लिए जांच-परख संबंधी अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं। इनमें एक स्वनियामकीय निकाय के पास पंजीकृत सभी ऑनलाइन गेम्स के लिए पंजीकरण चिह्न का प्रदर्शन और खेल में शामिल होने वाले व्यक्तियों को जमा राशि की निकासी या रिफंड, जीती हुई रकम के वितरण और फीस एवं अन्य शुल्कों के बारे में अवगत कराना शामिल है।
सार्वजनिक सूचना के मुताबिक कि स्वनियामकीय निकाय का मंत्रालय के पास पंजीकरण कराना होगा। यह निकाय ऑनलाइन गेम्स की पेशकश करने वाली मध्यवर्ती कंपनियों का पंजीकरण उनकी अर्हता के आधार पर करेगा। ऐसा निकाय एक शिकायत निपटान व्यवस्था के जरिए आने वाली शिकायतों का निपटारा भी करेगा।
Edited by : Nrapendra Gupta