म्यांमार में इंडिया का ऑपरेशन ब्रह्मा, भूकंप में दफ्न हुई नमाज अता करती महिला, NDRF ने अंतिम मुद्रा में निकाला शव
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के कर्मियों ने पूर्व शाही राजधानी मांडले में स्ट्रीट 86ए के पास इस आपदा स्थल पर स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए शव निकालने से कदम पीछे खींच लिए। एनडीआरएफ के एक सदस्य ने पीटीआई को बताया कि लेकिन समय गुजरने के
म्यांमार में गत शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का भूकंप आने और उसके बाद मदद को पहुंची भारतीय टीम विपरीत परिस्थितियों में राहत एवं बचाव कार्य को अंजाम तो दे ही रही है, साथ ही स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान कर उनका दिल भी जीत रही है। इसी का उदाहरण मांडले में मलबे से एक शव को निकालते समय देखने को मिला। मलबे में फंसे शव को देखकर प्रतीत होता था कि महिला और उसका बच्चा उस समय भूकंप की चपेट में आ गए जब वे नमाज पढ़ रहे थे।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के कर्मियों ने पूर्व शाही राजधानी मांडले में स्ट्रीट 86ए के पास इस आपदा स्थल पर स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए शव निकालने से कदम पीछे खींच लिए। एनडीआरएफ के एक सदस्य ने पीटीआई को बताया कि लेकिन समय गुजरने के साथ ही शव सड़ने लगा था।
परिजनों को एहसास हुआ कि शव को पूरी तरह से निकालने के लिए उनके पास विशेषज्ञता का अभाव है, इसलिए वे हिचकिचाने लगे। उनकी शुरुआती अनिच्छा बाद में अपील में बदल गई। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ कर्मियों ने अपना कार्य पुनः शुरू किया, महिला के शव को सावधानीपूर्वक बाहर निकाला तथा नमाज़ की उसकी अंतिम मुद्रा की गरिमा को बनाए रखा।
मौके पर मौजूद एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि जो लोग मदद स्वीकार करने में झिझक रहे थे, अब वे आभार जताते थक नहीं रहे हैं। म्यांमार में एनडीआरएफ खोज एवं बचाव अभियान दल के उप टीम लीडर डिप्टी कमांडर कुणाल तिवारी ने बताया कि टीम को शव प्रबंधन में प्रशिक्षित किया गया है।
आदम हुसैन (65) ने पीटीआई को बताया कि भूकंप उस समय आया जब मुस्लिम पवित्र महीने रमजान के अंतिम जुमे (शुक्रवार) पर अलविदा की नमाज अदा कर रहे थे।
राहत और बचाव कार्यों के लिए मांडले शहर को चार सेक्टरों- अल्फा, ब्रावो, चार्ली और डेल्टा में बांटा गया है। स्थानीय अधिकारियों ने डेल्टा को भारत को आवंटित किया है, जबकि अन्य तीन सेक्टरों को चीन, रूस और म्यांमार अग्निशमन सेवा विभाग द्वारा संभाला जा रहा है।
भावुक हुआ बुजुर्ग
एनडीआरएफ टीम ने मांडले में आवंटित 15 कार्यस्थलों में से 11 पर अभियान शुरू किया है और अब तक लगभग 30 शवों को निकाला है। हुसैन ने कहा कि हम भारत द्वारा किए गए प्रयासों से बहुत संतुष्ट हैं। मेरी बेटी, जो गंभीर रूप से घायल हो गई थी, उसका भारतीय सेना द्वारा स्थापित फील्ड अस्पताल में सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया है। बुजुर्ग व्यक्ति ने भावुक होकर भारतीय बचावकर्मियों की प्रशंसा की।
भारतीय सेना ने शहर में एक फील्ड अस्पताल भी स्थापित किया है। इसके संचालन के पहले दो दिनों में लगभग 200 रोगियों का इलाज किया गया है, जिनमें से 34 को आगे की देखभाल के लिए भर्ती कराया गया है।
साठ पैरा फील्ड अस्पताल के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल ने पीटीआई-भाषा को बताया, स्थानीय लोग अस्पताल के बारे में जानने के बाद से ही यहां आ रहे हैं। भूकंप पीड़ितों के अलावा अन्य लोग भी इलाज के लिए आ रहे हैं और हम खुशी-खुशी उनका इलाज कर रहे हैं।
स्थानीय निवासी 25 वर्षीय उमर मलिक ने कहा कि भारतीय हमारी मदद कर रहे हैं। हम मलबे में अपने परिवार के सदस्यों की तलाश कर रहे हैं। इस कठिन समय में हमारी सहायता करने के लिए हम भारतीयों के आभारी हैं। म्यांमार और उसके पड़ोसी थाईलैंड में भूकंप गत शुक्रवार (रमजान महीने के आखिरी जुमे) को आया था और अकेले म्यांमार में भूकंप से 3000 से अधिक लोगों की मौत हुई है। भाषा Edited by: Sudhir Sharma