भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' से बौखलाए पाकिस्तान ने लॉन्च किया ऑपरेशन 'बुनयान उल मरसूस', जानिए क्या है मतलब

WD Feature Desk
शनिवार, 10 मई 2025 (18:27 IST)
operation bunyan al marsous Pakistan: हाल के दिनों में सीमा पार से जारी तनाव के बीच, एक नया नाम चर्चा में आया है - 'ऑपरेशन बुनयान उल मरसूस'। खबरों के अनुसार, यह पाकिस्तान की ओर से भारत के कथित 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब में शुरू किया गया एक ऑपरेशन है। आइये जानते हैं इस नाम का अर्थ क्या है और यह पाकिस्तान के इरादों को दर्शाने का कितना दम रखता है

क्या है बुनयान उल मरसूस का अर्थ :
असल में शब्द 'बुनयान उल मरसूस' का जिक्र कुरान की आयत में मिलता है। क़ुरान की सूरह नंबर 61, सूरह 'अल-सफ़' में ये शब्द इस्तेमाल हुआ है। 
 
वास्तव में  'बुनयान उल मरसूस', एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ होता है "लोहे या सीसे से बनी मजबूत दीवार"। इस नामकरण से पाकिस्तान यह संदेश देना चाहता है कि उसकी सुरक्षा दीवार अभेद्य और अटूट है। हालांकि, क्या वास्तविकता भी यही कहानी बयां करती है?

'बुनयान उल मरसूस' का शाब्दिक अर्थ एक ऐसी दीवार है जिसे भेदना असंभव हो। लेकिन क्या सच में पाकिस्तानी सुरक्षा बल इस नाम के अनुरूप कुछ कर पाए हैं? यदि हाल के घटनाक्रमों पर नजर डालें तो तस्वीर कुछ और ही नजर आती है। वास्तव में पाकिस्तान भारतीय कार्रवाइयों से बुरी तरह बौखलाया हुआ है।

हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और 26 निर्दोषों की हत्या के बाद भारत के ऑपेरशन सिन्दूर में भी यही बात सामने आई। गौरतलब है कि पाकिस्तान की मिसाइलों को भारत के एस-400, एल-70 और जेडयू-23 और शकिल्का जैसे एयर डिफेंस सिस्टम लगातार नेस्तनाबुद कर रहे हैं।

क्या पाकिस्तान बनाना चाहता है दबाव का माहौल
'ऑपरेशन बुनयान उल मरसूस' का नामकरण एक मनोवैज्ञानिक चाल भी हो सकती है। पाकिस्तान शायद इसके जरिए अपनी जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देना चाहता है कि वह किसी भी भारतीय कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है और उसकी सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि, जमीनी हकीकत और भारतीय सुरक्षा बलों की क्षमता को देखते हुए यह दावा खोखला ही नजर आता है।

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भारतीय फौज ने हमेशा ही अपनी बहादुरी और पेशेवर रवैये का परिचय दिया है। सीमा सुरक्षा हो या आतंकवाद से मुकाबला, भारतीय जवानों ने हर चुनौती का डटकर सामना किया है। पाकिस्तान की 'मजबूत दीवार' के दावों के विपरीत, भारतीय सुरक्षा बलों ने कई बार उनकी सुरक्षा व्यवस्था की 'पोल खोल' कर रख दी है। यह स्पष्ट है कि नामकरण से वास्तविकता नहीं बदल जाती। एक मजबूत दीवार सिर्फ लोहे या सीसे से नहीं बनती, बल्कि यह दृढ़ इच्छाशक्ति, प्रभावी रणनीति और कुशल कार्यान्वयन से बनती है। फिलहाल, 'बुनयान उल मरसूस' सिर्फ एक नाम बनकर रह गया है, जिसकी मजबूती का इम्तिहान भारतीय सुरक्षा बल पहले भी कई बार ले चुके हैं।

 

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