ऑपरेशन सिंदूर 2.0! लाहौर में धमाके और ड्रोन हमले, पाकिस्तान में हड़कंप

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 8 मई 2025 (14:24 IST)
Operation Sindoor 2.0 drone attacks in Lahore: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है, जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के तहत पाकिस्तान के कई इलाकों में ड्रोन हमले किए। इन हमलों ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया, खासकर लाहौर जैसे बड़े शहर में, जहां धमाकों की आवाजें गूंजीं और लोग दहशत में आ गए। 
 
8 मई 2025 की सुबह पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत ने इजराइल निर्मित हारोप ड्रोन्स का इस्तेमाल कर लाहौर पर हमला किया। लाहौर के वाल्टन एयरपोर्ट और ओल्ड एयरपोर्ट क्षेत्र में जोरदार धमाकों की खबरें सामने आईं। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में वाल्टन एयरपोर्ट के पास धुएं का गुबार और ड्रोन हमले के निशान साफ दिखाई दिए। पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत लगातार हमारे हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर रहा है। ये आक्रामकता है, और इसके गंभीर परिणाम होंगे।
 
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 12 भारतीय ड्रोन्स को मार गिराया, लेकिन एक ड्रोन सिंध प्रांत में एक सैन्य ठिकाने को निशाना बनाने में सफल रहा, जिसमें 4 सैनिक घायल हो गए। वहीं, अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इन हमलों में पाकिस्तान में 26 लोग मारे गए और 46 घायल हुए। दूसरी ओर, भारत ने कहा कि उसकी जवाबी कार्रवाई में 8 लोग मारे गए।
 
ऑपरेशन सिंदूर 2.0 : क्या है इसकी पृष्ठभूमि?
ऑपरेशन सिंदूर का पहला चरण 7 मई 2025 को शुरू हुआ था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoJK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। भारत का दावा है कि ये हमले 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब हैं, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर हिंदू पर्यटक, मारे गए थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को जिम्मेदार ठहराया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इन ड्रोन हमलों को 'आतंकी बुनियादी ढांचे' को नष्ट करने का अभियान बताया। 
 
एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने खास तौर पर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों की लीडरशिप को निशाना बनाया। भारतीय सेना ने इन हमलों को 'सटीक और प्रभावी' करार दिया, जिसमें हारोप ड्रोन्स की अहम भूमिका रही।
 
हारोप ड्रोन : भारत का 'कामिकाजे गार्डियन' : हारोप ड्रोन, जिसे 'कामिकाजे ड्रोन' भी कहा जाता है, एक लॉइटरिंग म्युनिशन है, जिसे इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने विकसित किया है। इसकी खासियतें इसे एक घातक हथियार बनाती हैं:
भारत ने 2009 में 100 मिलियन डॉलर में 10 हारोप ड्रोन्स खरीदे थे और 2019 तक अपनी इन्वेंट्री में 110 से ज्यादा ड्रोन्स शामिल कर लिए थे। इन ड्रोन्स को भारतीय वायुसेना ने 'P-4' नाम दिया है। हारोप ड्रोन का इस्तेमाल 2020 में नागोर्नो-काराबाख संघर्ष में अजरबैजान ने किया था, जहां इसने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी प्रभावशीलता साबित की थी।
 
पाकिस्तान ने निंदा की : पाकिस्तान ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और कहा कि उसकी सेना जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ने एक बयान में कहा कि हमारी सेना को भारत के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि हम अपने निर्दोष शहीदों के खून का बदला लेंगे। 
 
सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ यूजर्स ने भारत की इस कार्रवाई को पाकिस्तान को सबक सिखाने वाला कदम बताया, जबकि कई ने इसे दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका के रूप में देखा। एक यूजर ने लिखा कि भारत ने अपनी सहनशीलता खो दी है। अब बातचीत से नहीं, बल्कि कार्रवाई से जवाब देना जरूरी था।
 
यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है, क्योंकि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों देशों के बीच संवाद की कमी रही, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। ऑपरेशन सिंदूर का नाम भी अपने आप में प्रतीकात्मक है। 'सिंदूर' हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं के माथे पर लगाए जाने वाले लाल रंग का प्रतीक है। भारत ने इस ऑपरेशन का नाम पहलगाम हमले से जोड़ा, जिसमें हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया गया था और हमलावरों ने गैर-मुस्लिम पुरुषों को अलग कर उनकी हत्या की थी। 
 
अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित : इन हमलों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए तनाव कम करने की अपील की है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपनी-अपनी स्थिति पर अड़े हुए हैं। ऑपरेशन सिंदूर और अब सिंदूर 2.0 ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। हारोप ड्रोन्स के जरिए भारत ने साफ संदेश दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह तनाव एक बड़े सैन्य संघर्ष में बदल जाएगा? दोनों देशों के नेताओं और सेनाओं के अगले कदम इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए निर्णायक होंगे।

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