नई दिल्ली। वर्ष 2019 में फिर से केन्द्र की सत्ता पर काबिज होने का मंसूबा बना रहे एनडीए के लिए अच्छी खबर नहीं है। उसे इन चुनावों में 2014 की तुलना में काफी नुकसान हो सकता है। इससे सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या नरेन्द्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बन पाएंगे?
इंडिया टीवी के ओपिनियन पोल के मुताबिक एनडीए को अकेले उत्तर प्रदेश से ही 31 सीटों का नुकसान हो सकता है। 2014 में यूपी में भाजपा नीत एनडीए को 72 सीटें मिली थीं, लेकिन आगामी चुनाव में गठबंधन को 41 सीटें मिलने की संभावना है, जो कि पिछली बार की तुलना में काफी कम हैं। इस सर्वे के मुताबिक सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन को यहां 37 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में 2 सीटें जा सकती हैं। स्वाभाविक रूप से ये 2 सीटें गांधी परिवार की परंपरागत रायबरेली और अमेठी हो सकती हैं।
इसी सर्वे के मुताबिक बिहार की 40 सीटों में से भाजपा और जदयू के गठबंधन को 24 सीटें मिल सकती हैं, जबकि राजद को 10, कांग्रेस को 2 एवं अन्य को 4 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसी तरह गोवा में भाजपा और कांग्रेस के खाते में 1-1 सीट आ सकती है।
महाराष्ट्र में एनडीए को 48 में से 30 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं कांग्रेस और एनसीपी को 9-9 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि भाजपा के लिए यहां एक पेंच भी है कि शिवसेना अलग चुनाव लड़ने की बात कर रही है। यदि दोनों दल अलग-अलग होकर चुनाव लड़ते हैं तो एनडीए को नुकसान भी हो सकता है।
झारखंड की 14 सीटों में से 7 मिलने की संभावना है, वहीं कांग्रेस को 2, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 4 और जेवीएम को एक सीट मिल सकती है। हालांकि इन राज्यों के आंकड़े पर नजर डालें तो एनडीए सबसे बड़े दल के रूप में उभरता दिख रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन 2019 में बहुमत के जादुई आंकड़े से दूर रह सकता है।