नई दिल्ली। विपक्ष ने वित्त वर्ष 2024-25 के रेल बजट को भेदभावपूर्ण करार देते हुए मंगलवार को कहा कि यह बजट बांटो और राज करो की केंद्र की नीति का अजीब उदाहरण है। रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश ने कहा कि 2024-25 के लिए सरकार द्वारा लाया गया रेल बजट गैर-भाजपाई राज्य सरकारों के साथ भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल का बजट ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह ही बांटो और राज करो की नीति का अजीब उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद की कांग्रेस सरकारों ने रेलवे को हर किसी की पहुंच के लिए सक्षम बनाया था और गरीब से अमीर सभी वर्ग के लोगों को यात्रा में आसानी होती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस के अलावा लंबी दूरी की अन्य रेलगाड़ियों की शुरुआत की गई थी।
सुरेश ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने फेडरलिज्म ऑन व्हील्स की तर्ज पर विभिन्न क्षेत्रों में रेलवे का विकास किया, भले ही वहां किसी और दल की सरकार ही क्यों न हो? उन्होंने कहा कि इसके (कांग्रेस के) ठीक उलट, भाजपा को जिन राज्यों में जीत नहीं मिली, उन्हें संघवाद से बाहर रखने की इसकी नीति है।
उन्होंने कहा कि 2 लाख 55 हजार करोड़ रुपए से अधिक के बजट के बावजूद राजनीतिक नफा नुकसान के आधार पर राज्यों को उनके हक से वंचित रखा गया है। उन्होंने हाल के महीनों में विभिन्न रेल दुर्घटनाओं का उल्लेख करते हुए सरकार से मांग की कि मृतकों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर पर्याप्त राशि दी जानी चाहिए, साथ ही घायलों को अच्छी रकम के अलावा अन्य प्रकार की सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस की काकोली घोष दस्तीकार ने भी हाल के दिनों में हुए रेल दुर्घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दो-3 महीने में नौ रेल दुर्घटनाएं हुई हैं और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार रेलयात्रियों की जान बचाने से ज्यादा अपनी कुर्सी बचाने पर ध्यान दे रही है।
समाजवादी पार्टी के दरोगा प्रसाद सरोज ने रेल बजट में उत्तर प्रदेश का जिक्र नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अयोध्या के ऐतिहासिक और पौराणिक शहर होने के बावजूद पश्चिम बंगाल से पटना-बलिया होते हुए वहां तक एक भी ट्रेन नहीं चलाई गई है। उन्होंने एक्सप्रेस और स्थानीय सवारी गाड़ियों में शौचालयों की बदहाल स्थिति का जिक्र किया और कहा कि ऐसी गाड़ियों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्य सुधीर गुप्ता ने भारतीय रेलवे को अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क करार देते हुए विपक्ष पर पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में रेलवे को उपेक्षित श्रेणी में डाल दिया गया था।
उन्होंने रेलवे में स्वच्छता अभियान और अमृत स्टेशन योजना के अलावा वंदे भारत ट्रेन जैसी योजनाओं का भी जिक्र किया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में शामिल तेलुगु देशम पार्टी के पी महेश कुमार ने रेलवे को जीवन और संस्कृति का हिस्सा करार दिया। उन्होंने आंध्र प्रदेश में पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार पर रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं के लिए जमीन नहीं देने का आरोप लगाया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta