नागरिकता संशोधन विधेयक : असम में विरोध प्रदर्शन शुरू

Webdunia
शुक्रवार, 15 नवंबर 2019 (22:34 IST)
गुवाहाटी। असम में शुक्रवार को जगह-जगह पर एक छात्र संगठन के प्रदर्शन के साथ विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ विरोध शुरू हो गया, जबकि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और एक प्रभावशाली नागरिक इकाई ने कहा कि इस कानून को राज्य के लोग किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले असोम जातियाबादी युबा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने जगह-जगह रैलियां निकालीं और धरना दिया। परिषद इस साल के प्रारंभ में भी इस विधेयक का विरोध करने में सबसे आगे थी। ऐसी संभावना है कि यह विधेयक शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।

नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के उन हिंदुओं, जैनियों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है, जिन्होंने भारत में 6 साल गुजार दिए हैं लेकिन उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। इस विधेयक को 8 जनवरी को लोकसभा ने पारित कर दिया था लेकिन यह तब राज्यसभा में पेश नहीं हो पाया था।

एजेवाईसीपी प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता विधेयक में संशोधन कर कथित रूप से अवैध हिंदू प्रवासियों को बसाने और असम विरोधी नीति अपनाने को लेकर केंद्र और असम की भाजपा नीत सरकारों के खिलाफ नारे लगाए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, असम के लोग इस विधेयक को स्वीकार नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह अन्य देशों के लोगों को यहां बसाकर मूल लोगों और उनकी भाषा को विलुप्तप्राय बना देगा।

आरटीआई कार्यकर्ता और कृषिक मुक्ति संग्राम परिषद के नेता अखिल गोगोई ने कहा कि असम की जनसंख्या बढ़ जाएगी क्योंकि 1.9 करोड़ बांग्लादेशी इस कानून के प्रभाव में आने से राज्य में आ जाएंगे। ऑल असम स्टूडेंट यूनियन के मुख्य सलाहकार डॉ. समुज्ज्वल भट्टाचार्य ने कहा, हम इस विधेयक को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और उसके खिलाफ विरोध जारी रखेंगे।

उन्होंने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल पर राज्य के लोगों के साथ खड़ा होने तथा अपने राष्ट्रीय नेताओं के सामने आवाज उठाने का साहस नहीं जुटा पाने का आरोप लगाया। विपक्षी कांग्रेस नेता देवब्रत सैकिया ने कहा कि लोगों को इसका विरोध करना चाहिए, क्योंकि यह 1985 की असम संधि के विरूद्ध है

हालांकि वित्तमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने एक कार्यक्रम के मौके पर कहा कि यह विधेयक शीतकालीन सत्र के पहले 2 दिन के दौरान पेश किया जाएगा और इससे मूल लोगों के हितों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस साल सितंबर में केंद्रीय गृहमंत्री ने गुवाहाटी में पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन की एक बैठक में कहा था कि इस विधेयक के पेश होने से भी इस क्षेत्र के सारे कानूनों पर कोई आंच नहीं आएगी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Marathi row : बिहार आओ, पटक-पटककर मारेंगे, मराठी भाषा विवाद में BJP सांसद निशिकांत दुबे की राज ठाकरे को धमकी

Video : 15 फुट लंबे किंग कोबरा को 6 मिनट में महिला वन अधिकारी ने बचाया, वीडियो देख खड़े हो जाएंगे रोंगटे

Chirag Paswan : बिहार में NDA की परेशानी को क्यों बढ़ा रहे हैं मोदी के 'हनुमान', कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश पर निशाना

Bihar : पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 सदस्यों की हत्या, 250 लोगों ने डायन बताकर परिवार को मारा

सऊदी अरब में मृत्युदंड रिकॉर्ड स्तर पर, जानिए कितने लोगों को दी फांसी

सभी देखें

नवीनतम

वीजा पर चीन का बड़ा फैसला, 74 देशों के नागरिकों को मिलेगा फायदा

ट्रंप ने 14 देशों पर फोड़ा टैरिफ बम, 2 मित्र राष्‍ट्रों पर कितने टैक्स की मार?

बागेश्वर धाम के पास बड़ा हादसा, छत गिरने से 1 श्रद्धालु की मौत

मुठभेड़ में मारा गया गोपाल खेमका मर्डर केस के आरोपी, शूटर को दी थी बंदूक

इंदौर में 11 जुलाई को मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव, “नेक्स्ट होराइजन : बिल्डिंग सिटीज़ ऑफ टुमारो" थीम पर होगा आयोजन

अगला लेख