नई दिल्ली। एक खबर काफी सुर्खियों में है कि जिस पाकिस्तानी सैनिक ने लड़ाकू विमान की दुर्घटना के बाद पाक सीमा में पहुंचे अभिनंदन वर्धमान को गिरफ्तार किया था, उसे भारतीय सेना ने मार गिराया। लेकिन, एक हकीकत यह भी है कि यह पाक कमांडो अभिनंदन को नहीं पकड़ता तो संभव है कि भीड़ उन्हें मार देती।
अहमद खान नामक इस पाक कमांडो ने अभिनंदन को भीड़ से बचाकर सेना मुख्यालय पहुंचाया था, जहां उनसे पूछताछ की गई थी। साथ ही लंबी प्रक्रिया के बाद उन्हें भारत को सौंपा गया था। अहमद ने जेनेवा संधि के तहत उसे भीड़ से बचाने का ही काम किया था। अत: इस दृष्टिकोण से उसकी निश्चित ही उसकी सराहना की जानी चाहिए।
अहमद का एक चेहरा यह भी : संभव है कि अभिनंदन की गिरफ्तारी के समय परिस्थितियां ऐसी रही हों, जिससे उन्हें गिरफ्तार कर सैन्य मुख्यालय ले जाया गया। लेकिन, इसी अहमद खान को भारतीय सैनिकों ने 17 अगस्त को एलओसी के नैकल सेक्टर में मार गिराया, जब भारत में आतंकी घुसपैठियों को दाखिल कराने का प्रयास कर रहा था।
जब अभिनंदन को बंधक बनाया : अभिनंदन ने 27 फरवरी को पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मार गिराया था, लेकिन उनके मिग-21 बाइसन को मिसाइल द्वारा मार गिराए जाने के बाद उन्हें पाकिस्तानी सरहद के भीतर बंधक बनाया गया था। भारत के दबाव के आगे घुटने टेकते हुए पाकिस्तान ने करीब 60 घंटे बाद वाघा बार्डर से उन्हें रिहा कर दिया।