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J&K में पाकिस्तान ने फिर किया सीजफायर का उल्‍लंघन, किश्तवाड़ में जैश कमांडर समेत 3 आतंकी ढेर

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सुरेश एस डुग्गर

जम्मू , शनिवार, 12 अप्रैल 2025 (20:07 IST)
Jammu Kashmir News : पाक सेना ने कल रात जम्मू के पुंछ और अखनूर सेक्टरों में संघर्ष विराम का उल्लंघन करके माहौल को गर्माने के साथ ही एलओसी से सटे गांवों में रहने वाले लोगों के लिए परेशानी पैदा कर दी है। हालांकि केरी बटल में घुसने में कामयाब होने वाले आतंकियों की तलाश जारी थी पर किश्तवाड़ के छात्रू इलाके में जैश ए मुहम्मद के कमांडर सैफुल्लाह समेत 3 आतंकियों को ढेर कर दिए जाने के बाद भी सुरक्षाबल कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते इसलिए व्यापक तलाशी अभियान छेड़ा गया था। इस बीच जम्मू में अपने ही यूएवी के क्रैश हो जाने से जख्मी हुआ सेना का एक जवान शहीद हो गया है। जम्मू के अखनूर सेक्टर में गोलीबारी के दौरान एक जेसीओ शहीद हो गया।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और शुक्रवार देर रात एलओसी (नियंत्रण रेखा) पुंछ सेक्टर में कई जगहों पर गोलीबारी की। जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया, जबकि पुंछ सेक्टर में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
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उन्होंने कहा कि पुंछ सेक्टर में देर रात तक पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी रहा, जबकि इन गोलीबारी की घटनाओं में अब तक किसी के घायल होने की खबर नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि जम्मू के अखनूर सेक्टर में गोलीबारी के दौरान एक जेसीओ शहीद हो गया।

इस बीच रक्षा सुरक्षा कोर (डीएससी) का एक जवान, जो दो दिन पहले जम्मू में एक हवाई क्षेत्र में निगरानी मिशन पर सेना के एक मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) के दुर्घटनाग्रस्त होने से गंभीर रूप से घायल हो गया था, शनिवार को शहीद हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि कठुआ जिले के निवासी नायक सुरेंदर गुरुवार को तकनीकी हवाई अड्डे पर एक टावर पर ड्यूटी पर थे और इस घटना के बाद वे गंभीर रूप से झुलस गए। अधिकारियों ने बताया कि सतवारी में तकनीकी हवाई अड्डे के अंदर उतरते समय यूएवी टावर से टकरा गया और आग की लपटों में घिर गया, जिसके बाद वह जमीन पर कई टुकड़ों में बिखर गया।
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जानकारी के लिए तकनीकी हवाई अड्डा जम्मू हवाई अड्डे का हिस्सा है, जिसे भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर इकाई के संचालन के लिए नामित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सैनिक को सतवारी के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन शुक्रवार को शहीद हो गया। उन्होंने बताया कि उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए उसके पैतृक स्थान ले जाया जा रहा है।

किश्तवाड़ में जैश कमांडर समेत 3 आतंकी ढेर, उधमपुर और कठुआ में तलाश जारी : पाकिस्तान ने अपनी रणनीति बदलते हुए एक बार फिर जम्मू संभाग को निशाना बनाना आरंभ किया है। हालत यह है कि एक माह से जम्मू संभाग के लगभग प्रत्येक जिले में आतंकियों की आवाजाही की सूचनाएं सामने आ रही हैं तो साथ ही कई स्थानों पर उनके साथ मुठभेड़ों की खबरें भी। यही नहीं जम्मू संभाग से सटी पाक कब्जे वाले कश्मीर को बांटने वाली एलओसी को भी वह गर्माए हुए है।

समाचार भिजवाए जाते समय भी अखनूर के केरी बटल इलाके में एलओसी को पार कर इस ओर घुसने वाले आतंकियों से मुठभेड़ में एक जेसीओ शहीद हो चुका था जबकि 12 घंटों से दोनों पक्षों में गोलीबारी जारी थी। शहादत पाने वाले जेसीओ की पहचान कुलदीप चंद के तौर पर की गई थी। हालांकि सेना ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि पाक सेना घुसपैठ करने वाले आतंकियों को कवर फायर भी दे रही थी।
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केरी बटल में इस साल 11 फरवरी को आतंकियों द्वारा किए गए विस्फोट में सेना का एक कैप्टन और एक जवान शहीद हो चुका है जबकि उससे पहले घुसने वाले 3 आतंकियों को मार गिराया गया था। तब आतंकियों के खात्मे के लिए टैंकों का भी सहारा लिया गया था।

हालांकि केरी बटल में घुसने में कामयाब होने वाले आतंकियों की तलाश जारी थी पर किश्तवाड़ के छात्रू इलाके में जैश ए मुहम्मद के कमांडर सैफुल्लाह समेत 3 आतंकियों को ढेर कर दिए जाने के बाद भी सुरक्षाबल कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते इसलिए व्यापक तलाशी अभियान छेड़ा गया था।

ऐसा ही तलाशी अभियान रामनगर में उन तीन से चार आतंकियों के खिलाफ भी जारी था जिनसे दो बार मुठभेड़ तो हो चुकी है पर न ही अभी तक कोई मारा गया है और न कोई पकड़ा गया था। अगर सूचनाओं पर विश्वास करें तो रियासी और पठानकोट से लगने वाली बार्डर पर भी आतंकियों की आवाजाही देखी गई है।
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करीब तीन हफ्ते पहले हीरानगर के सान्याल गांव में जिन आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी वे अभी तक मारे नहीं गए हैं। वे इन तीन हफ्तों में कभी कठुआ के अन्य कस्बों में दिख रहे हैं और कभी पंजाब से सटे बार्डर पर।सुरक्षाधिकारियों का कहना था कि यह सब ताजा घुसपैठ करने वाले आतंकी हैं और चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस अधिकरी कहते थे कि इन आतंकियों ने जम्मू के इंटरनेशनल बार्डर से घुसपैठ की थी और बीएसएफ का दावा है कि उसके अधीन आने वाली सीमा से कोई आतंकी नहीं घुसा है।

स्थिति यह है कि जम्मू संभाग के लगभग हर जिले में आतंकियों को देखे जाने और उनसे मुठभेड़ों की घटनाएं एक बार फिर जम्मू संभाग के लोगों को दहशतजदा कर रही हैं। जानकारी के लिए पिछले तीन सालों से पाकिस्तान ने अपना सारा ध्यान अब कश्मीर से हटाकर जम्मू संभाग पर लगाना शुरू किया तो जम्मू संभाग में सैनिकों और नागरिकों की मौतों का ग्राफ बहुत बढ़ चुका है। हालांकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इसके लिए जम्मू संभाग से सैनिकों को हटाकर चीन सीमा पर भिजवाने के फैसले को जिम्मेदार ठहराते थे।

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