Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पाक गोलीबारी ने बढ़ाई सीमावासियों की मुसीबत, खेतों पर जाना भी मुश्किल

हमें फॉलो करें पाक गोलीबारी ने बढ़ाई सीमावासियों की मुसीबत, खेतों पर जाना भी मुश्किल

सुरेश एस डुग्गर

, शुक्रवार, 8 नवंबर 2019 (23:23 IST)
जम्मू। सीमाओं पर पाक सेना द्वारा बार-बार सीजफायर का उल्लंघन किए जाने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। नतीजतन सीमावासियों की रातों की नींद और दिन का चैन फिर से छिनने लगा है। बढ़ती गोलीबारी के कारण वे चिंता में हैं कि तारबंदी के पार के खेतों में वे फसलें बोएं या नहीं। हालांकि अप्रत्यक्ष तौर पर बीएसएफ और सेना उन्हें करने से मना करने लगी हैं।

बार्डर पर पाक रेंजरों द्वारा सीजफायर तोड़कर गोलीबारी करने से सीमा से सटे गांवों के लोगों में दहशत है। लोग आने वाले समय के बारे में सोचकर सहम जाते हैं। बिश्नाह के सीमावर्ती गांव पिंडी चाढ़कां, पिंडी कैंप व काकू दे कोठे गांव के सरवन सिंह, जरनैल सिंह व सौदागर सिंह के अनुसार, जब भी बार्डर पर पाक की तरफ से गोलीबारी होती है तो उसका असर गांव पर पड़ता है।

उनका कहना है कि अभी वर्ष 1998-99 के जख्म भरे भी नहीं हैं। जीरो लाइन पर स्थित जमीनों पर जब हम फसल लगाने जाते हैं तो पता नहीं होता कि घर लौटेंगे कि नहीं। फसल पकने तक दोनों देशों का माहौल ठीक रहेगा या नहीं। पता नहीं फिर कब खेतों में माइन लगा दी जाएं और हम शरणार्थी बन जाएं।

कभी परगवाल, अखनूर, कभी अब्दुल्लियां, कभी सांबा में गोलीबारी आम लोगों की नींद उड़ा रही है। आम लोग चाहे हिन्दुस्तान के पिंडी चाढ़कां, काकू दे कोठे, पिंडी कैंप के लोग हों या पाकिस्तान के वे गांव जो बार्डर के साथ लगते हैं।

जैसे चारवा, बुधवाल, ठिकेरेयाला, तमाला व जरोवाल गांव के लोग कभी नहीं चाहते कि बार्डर पर फायरिंग हो। वहीं सीमावर्ती गांवों में तैनात विलेज डिफेंस कमेटी के सदस्य नरेश सिंह कहते थे कि जरा सी आहट होने पर गांववासियों की रक्षा के लिए सीना तानकर दुश्मन का सामना करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

आरएसपुरा, सांबा और अखनूर सेक्टर में भी आए दिन पाकिस्तानी सेना द्वारा गोलीबारी करने से सीमांत किसान काफी डरे व सहमे हुए हैं। इतना ही नहीं यदि हालात बिगड़ते हैं तो आरएसपुरा सेक्टर के कुल 28 सीमांत गांव के किसानों की हजारों एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हो सकती है।

ऐसे में सीमावर्ती गांवों के किसान भगवान से यही दुआ कर रहे हैं कि हालात सामान्य बने रहें। सीमांत गांव चंदू चक निवासी कृष्णलाल का कहना था कि पिछले कुछ सालों से सीमा पर गोलीबारी न होने से सीमांत गांव के लोग राहत महसूस कर रहे थे। एक बार फिर से पड़ोसी देश द्वारा की जा रही फायरिंग से लोग परेशान हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अयोध्या फैसला : मध्यप्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में शनिवार को छुट्टी का ऐलान