पाक सेना की कई सेक्टरों में गोलीबारी, दांव पर संघर्षविराम

सुरेश डुग्गर
शुक्रवार, 30 सितम्बर 2016 (19:31 IST)
श्रीनगर। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक सेना बौखलाई हालात में सीमाओं पर पिछले 13 सालों से जारी सीजफायर को तोड़ने पर आमादा हो गई है। उसने एकसाथ कई सेक्टरों में मोर्चे खोलते हुए गोलाबारी आरंभ की है। गोलाबारी का भरपूर जवाब दिया जा रहा है पर लोगों में डर और दहशत इसलिए है क्योंकि उनके माल मवेशी अभी घरों में ही है।
पाक कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल हमले की खबरों के बाद पाक सेना ने राजौरी तथ पुंछ के बल्नोई, नौशहरा, कृष्णा घाटी, साब्जियां और अखनूर के पल्लांवाला तथा परगवाल सेक्टरों की कई पोस्टों पर गोलाबारी आरंभ कर दी। इससे पहले वह भिम्बर गली, नौगांव, लीपा वैली, हाट स्प्रिंग और केल में भी सीजफायर की धज्जियां उड़ाते हुए गोले बरसा रहा था।
 
सभी सेक्टरों में भारतीय पक्ष उसके हर हमले का जवाब दे रहा था। जिन इलाकों में पाक सेना ने मोर्चे खोले हैं वहां से लोगो ने अभी पलायन नहीं किया है। वे अभी भी अपने घरों में डटे हुए थे। दरअसल एलओसी के इलाकों में 10 किमी तक के क्षेत्र को खाली करने का कोई फरमान प्राप्त नहीं हुआ है। जो भी निर्देश मिला है वह इंटरनेशनल बॉर्डर के लिए था।
 
इतना जरूर था कि पाक सेना द्वारा एलओसी के कई इलाकों में गोलाबारी आरंभ कर दिए जाने के बाद भारतीय नागरिकों को यह लगने लगा है कि अब वह सीजफायर खत्म हो सकता है जो इस साल 26 नवम्बर को 13 साल पूरे करने वाला था। याद रहे 26 नवम्बर 2003 को एलओसी तथा सीमा पर दोनों मुल्कों के बीच सीजफायर का समझौता हुआ था तभी से भारतीय पक्ष तो इसकी पालना कर रहा है पर पाकिस्तानी पक्ष ने इसकी पवित्रता को कभी भी नहीं माना। यह इसी से साबित होता है कि सीजफायर के 13 सालों के दौरान उसने इंटरनेशनल बार्डर तथा एलओसी पर 11272 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है।
 
हालांकि 264 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा और 814 किमी लंबी एलओसी से सटे इलाकों में बसने वाले 35 लाख के करीब सीमावासी दिन-रात बस एक ही दुआ करते रहे हैं कि सीजफायर न टूटे। ‘हमने मुश्किल से अपना घर आबाद किया है और पाक सेना उसे मटियामेट करने पर उतारू है,’ पुंछ के डिग्वार का मुहम्मद असलम कहता था जिसके दो बेटों को पहले ही सीमा पर होने वाली गोलीबारी लील चुकी है तथा सीजफायर से पहले उसके घर को कई बार पाक गोलाबारी नेस्तनाबूद कर चुकी है।
 
अब दोनों मुल्कों के बीच बने हुए तनाव के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या सीजफायर अपने 13 साल पूरा कर पाएगा। ऐसे हालात के लिए पूरी तरह से पाक सेना को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जो आतंकियों को इस ओर धकेलने के लिए अपनी कवरिंग फायर की नीति का इस्तेमाल एक बार फिर से करने लगी है और इस पर टिप्पणी करते हुए सेनाधिकारी कहते हैं कि अगर पाक सेना ने इस रवैये को नहीं त्यागा तो भारतीय पक्ष भी करारा जवाब देने से हिचकिचाएगा नहीं और यही सीमावासियों के लिए चिंता की लकीरें पैदा करने वाला है जो पिछले 13 सालों के अरसे में 68 साल के गोलियों के जख्मों का दर्द भुला चुके हैं तथा अब फिर घरों से बेघर होने की स्थिति में नहीं हैं।
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