जम्मू। पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन किया है। वहीं, भारी गोलाबारी का भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजे पाकिस्तान ने मनकोट, कृष्णाघाटी सेक्टर, जिला पुंछ और नौशहरा सेक्टर, जिला राजौरी में एलओसी पर छोटे हथियारों से गोलाबारी की और मोर्टार दागे। भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है।
गत बुधवार देर शाम करीब साढ़े सात बजे जब विश्वकप क्रिकेट के सेमीफाइनल मैच में भारतीय टीम का आखिरी बल्लेबाज आउट होने के साथ टीम हार गई तो पाकिस्तानी सेना ने चिढ़ाने के लिए गोले दागने शुरू कर दिए थे। सीमा पार से पुंछ के दिगवार सेक्टर में सेना की अग्रिम चौकियों लंगूर एवं दुर्गा पर हल्के और भारी दोनों तरह के हथियारों से गोलाबारी की गई थी।
पाकिस्तानी सेना की तरफ से चौकियों पर गोले दागे जाने की सूचना जैसे ही दिगवार स्थित सेना के मुख्यालय में मिली तो जवाबी कार्रवाई का निर्देश दिया गया था।
इस बीच सख्ती से बौखलाए आतंकियों की नजर बरसात के मौसम पर है। आतंकियों की कोशिश है कि खराब मौसम की आड़ में घुसपैठ की जाए। हालांकि बीएसएफ ने भी विशेष कदम उठाए हैं। वैसे तो पूरे साल बीएसएफ के जवान अलर्ट रहते हैं। लेकिन मौसम के हिसाब से भी तैयारियां करनी पड़ती है।
सूत्रों का कहना है कि आतंकी इंटरनेशनल बॉर्डर से घुसपैठ की फिराक में हैं। गौरतलब है कि बरसात के मौसम में लगातार बारिश से फेंसिंग के पास कीचड़ भरा होता है। इसकी वजह से फेंसिंग के साथ बने रास्ते पर गश्त करने में दिक्कत आती है। कई बार देखा गया है कि बाढ़ आने की स्थिति में फेंसिंग को नुकसान भी पहुंचता है। सर्विलांस सिस्टम भी कभी-कभी प्रभावित होता है। जेनसेट से फेंसिंग के पास बिजली की व्यवस्था है, लेकिन कठुआ जैसे क्षेत्र में कई जगहों पर फेंसिंग नहीं भी है। कई अन्य तरह की दिक्कतें भी आती हैं।
आतंकी इन स्थितियों का लाभ उठाकर घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं। पाकिस्तान के कई नालों का कठुआ में बहाव है। आतंकी इन नालों के जरिए भी घुसपैठ करने की फिराक में रहते हैं। पिछले चार साल में आतंकियों ने कठुआ जिले को घुसपैठ के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया है। इसकी जानकारी एनआईए ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दे रखी है। बरसात में इस रूट से घुसपैठ की आशंका बनी रहती है। (फाइल फोटो)