जम्मू। एलओसी के पार उस कश्मीर के कई इलाकों में पाकिस्तानी सेना ने अपने तोपखाने की पोजीशन बदलने के अलावा एसएसजी (स्पेशल स्ट्राइकिंग ग्रुप) की यूनिटों को भी अग्रिम हिस्से में तैनात किया है। एसएसजी यूनिट ही बैट (बार्डर एक्शन टीम) हमलों को संचालित करती है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान एलओसी पर घुसपैठ के साथ भारी गोलाबारी कर सकता है।
वहीं दूसरी ओर भरतीय सेना ने भी पाकिस्तान सेना की बढ़ती इन गतिविधियों को देखते हुए एलओसी के कई इलाकों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। उन्होंने सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को सचेत रहने व रात को बंकरों में रहने की हिदायत दी है। यही नहीं उन्होंने जवानों को भी सतर्क रहने को कहा है ताकि वे हर नापाक हरकत का समय पर जवाब दे सकें।
पाकिस्तानी सेना ने गत रविवार से मंगलवार तक टंगडार, करनाह और गुरेज सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन कर भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर भारी गोलाबारी की थी। इसमें एक नागरिक की मौत और 4 अन्य लोग जख्मी हुए थे। कुछ मकानों को भी क्षति पहुंची थी। भारतीय सेना ने जवाबी प्रहार करते हुए नीलम व लीपा घाटी में पाकिस्तानी सेना के 2 निगरानी मोर्चों के अलावा एक लांचिंग पैड को भी क्षति पहुंचाई थी। इस कार्रवाई में पाकिस्तान के 3 सैनिक भी मारे गए थे।
सूत्रों ने बताया कि जानमाल का नुकसान उठाने से हताश पाकिस्तानी सेना ने बीते 2 दिनों के दौरान टंगडार सेक्टर समेत कई अन्य सेक्टरों में अपनी गतिविधियों को तेज किया है। उसकी यह गतिविधियां असामान्य हैं, क्योंकि उसने कथित तौर पर अपने तोपखाने व अन्य भारी हथियारों की पोजीशन बदली है। उसने जिस तरीके से इनमें बदलाव किया है, उससे आशंका है कि वह आने वाले दिनों में टंगडार, करनाह, गुरेज तथा अन्य सेक्टरों में भारतीय ठिकानों पर भारी गोलाबारी करने के फिराक में हैं।
सूत्रों के मुताबिक मौसम में बदलाव के साथ बर्फ पिघलने पर अब अगले कुछ दिनों में उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर स्थित घुसपैठ के परंपरागत रास्ते भी धीरे-धीरे खुलने लगेंगे। इसलिए पाकिस्तानी सेना भारतीय ठिकानों पर गोलाबारी करते हुए सेना का ध्यान बंटाते हुए आतंकियों को भारतीय इलाके में सुरक्षित घुसपैठ का मौका देगी। वह बैट कार्रवाईयों में तेजी ला सकती है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों का संज्ञान लेते हुए एलओसी के कई सेक्टरों में सतर्कता बढ़ाते हुए सभी संबंधित सैन्य कमांडरों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इसके अलावा अग्रिम इलाकों में रहने वालों को भी पूरी सावधानी बरतने, किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि के नजर आने पर निकटवर्ती सुरक्षा चौकी को सूचित करने और गोलाबारी की स्थिति में तुरंत निकटवर्ती सुरक्षा बंकर में शरण लेने को कहा गया है।