जम्मू। पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर 2 महीनों के अंतराल के बाद ही अपने उस समझौते को तोड़ डाला है, जिसमें भारतीय सीमा व एलओसी पर गोलीबारी न करने का समझौता हुआ था। वैसे यह कोई पहली बार नहीं है कि पाकिस्तानी सेना ने ऐसा किया हो, बल्कि अतीत में उसके समझौते 2 घंटे से लेकर 2 महीने तक ही टिक पाए हैं।
फरवरी में भारत-पाकिस्तान सेना के बीच युद्धविराम को लेकर हुई पुनः संधि को पाकिस्तानी सैनिक करीब दो महीने भी निभा नहीं सके। आज सुबह 6 बजे के करीब पाकिस्तानी रेंजरों ने सांबा सेक्टर में सीमा से सटे रामगढ़ इलाके में गश्त लगा रहे बीएसएफ जवानों के एक गश्ती दल को निशाना बनाते हुए अचानक गोलीबारी शुरू कर दी।
यह तो गनीमत है कि इस गोलीबारी में किसी भारतीय जवान को नुकसान नहीं पहुंचा। अलबत्ता भारतीय जवानों ने भी पाकिस्तानी गोलीबारी के बाद तुरंत अपनी पोजीशन संभालते हुए कड़ा जवाब दिया। बीएसएफ के एक अधिकारी ने पाकिस्तान की इस नापाक हरकत की पुष्टि करते हुए बताया कि जवान सीमा पर पेट्रोलिंग कर रहे थे।
इसी दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें निशाना बनाकर गोलाबारी की। हालांकि जवानों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा है। बीएसएफ सूत्रों का कहना है कि जवाबी कार्रवाई के बाद गोलीबारी का यह सिलसिला कुछ ही समय तक चला। उसके बाद पाकिस्तानी रेंजरों ने गोलीबारी बंद कर दी।
हालांकि दो महीने के युद्धविराम के बाद सीमा पर अचानक से गोलीबारी की गूंज सुनकर सीमांत लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया। लोगों को लगा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने एक बार फिर सीमांत इलाकों में गोलाबारी शुरू कर दी है। अब भले ही गोलीबारी थम गई है परंतु सीमांत इलाकों में रहने वाले लोगों में इस बात को लेकर शंका है कि कहीं पाकिस्तान एक बार फिर सीमांत इलाकों में गोलाबारी का सिलसिला तेज न कर दे।
इसी साल 24 फरवरी को भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर पर संघर्ष विराम का समझौता हुआ था। इसके बाद से आईबी और एलओसी पर लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन पाकिस्तान ने समझौते को तोड़ते हुए संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है।