भारत में 'पाक कनेक्शन' पर खुफिया नजर

Webdunia
सोमवार, 24 अक्टूबर 2016 (12:53 IST)
सैन्य ठिकानों तथा जवानों की तैनाती जैसी महत्वपूर्ण सूचनाएं लीक कर पाकिस्तान को भेजे जाने की साजिश के खुलासे ने खुफिया तंत्र की नींद उड़ा दी है। आईएसआई के कथित भेदिए पुलिस अफसर रडार पर हैं। संवेदनशील इलाकों में तैनात कुछ पुलिस अफसरों के फोन सर्विलांस पर हैं।
खुफिया एजेंसियों की नींद इस जानकारी से उड़ी हुई है कि देश के कई महत्वपूर्ण इलाकों में तैनात बड़े पुलिस अधिकारियों भी आईएसआई के सम्पर्क में हैं। सरकार ने इन संदिग्ध लोगों पर लगातार खुफिया निगाह रखने का फैसला किया है। सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर के कई पुलिस अफसर साजिश के घेरे में आ सकते हैं। श्रीनगर में पिछले दिनों तैनाती संबंधी सूचना लीक होने की खबर के बाद एक डीएसपी रैंक के अधिकारी को निलंबित किया जा चुका है। देश विरोधी अधिकारियों के कारनामों से सतर्क राज्य सरकार ने इन अधिकारियों को सीधे बर्खास्त कर दिया है।  
 
सूत्रों के अनुसार खुफिया विभाग के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को सैन्य प्रतिष्ठानों तथा इनकी गतिविधियों की निरंतर जानकारियां मिल रही हैं। कुछ विभागों सहित पुलिस के कुछ अफसर भी आईएसआई के भेदिए बनकर महत्वपूर्ण सूचनाएं लीक कर रहे हैं। 
 
खंगाला जा रहा है पाक कनेक्शन : पुलिस के एक आला अधिकारी का कहना है कि निलंबित पुलिस अफसर से पूछताछ भी की जा रही है। उसका पाकिस्तान कनेक्शन खंगाला जा रहा है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं कोई रैकेट तो काम नहीं कर रहा है।
 
अधिकारी की मानें तो इस निलंबित अफसर पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि पिछले दिनों पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने फर्जी आईपी एड्रेस के जरिए पुलिस अधिकारियों को फोन करके सेना और सुरक्षा से जु़ड़ी खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिश की थी। सैन्य कर्मियों के सेल फोन्स और अन्य डिवाइसेज पर से जानकारियों को हासिल करने के लिए टैक सावी कोशिशें भी की रही हैं। 
 
आईएसआई द्वारा एलओसी तथा आईबी पर सुरक्षा प्रबंधों के अलावा सैन्य प्रतिष्ठानों तथा उनकी सुरक्षा के बारे में सुराग हासिल करने की कोशिशें की जा रही हैं। पाक अधिकृत कश्मीर से भारत में अधिक से अधिक संख्या में आतंकियों को घुसपैठ कराने की साजिश कर रहे हैं। उड़ी हमले के बाद जांच में अहम सूचनाएं लीक होने के संकेत भी मिले थे। फर्जी आईपी के जरिए फोन कॉल से भी आईएसआई द्वारा अहम सूचनाएं जुटाने का मामला भी सामने आ चुका है। 
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