नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कहा कि ट्रांसजेंडर श्रेणी के तहत पैन कार्ड के लिए नया आवेदन करते समय या मौजूदा कार्ड में किसी तरह के बदलाव के लिए लिंग संबंधी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। विभाग ने 10 अप्रैल को आयकर नियमों में संशोधन कर ट्रांसजेंडर को उनके कर संबंधी लेन-देन के लिए स्थायी खाता संख्या (पैन) हासिल करने के लिए आवेदकों की एक स्वतंत्र श्रेणी के तौर पर मान्यता दे दी।
अब तक पैन आवेदन फॉर्म में पुरुष एवं महिला लिंग श्रेणी ही उपलब्ध थे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संदर्भ में मिले अभ्यावेदनों को देखते हुए यह बदलाव किया क्योंकि ट्रांसजेडर को नया पैन हासिल करने में या अपने पुराने पैन कार्ड के जरिए लेन-देन करने में दिक्कतें हो रही थीं।
विभाग ने एक परामर्श में आज कहा कि नए पैन के आवंटन और लिंग श्रेणी ट्रांसजेंडर डालने के लिए बदलाव के अनुरोध वाले आवेदनों को मंजूरी दे दी गई। साथ ही नेशनल सेक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ( एनएसडीएल) या यूटीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी एंड सर्विसेज लिमिटेड (यूटीआईआईटीएसएल) पोर्टल के जरिए पैन में बदलाव के अनुरोध वाले आवेदन में लिंग श्रेणी में बदलाव कर ट्रांसजेंडर डालने की खातिर कोई प्रमाण-पत्र देने की जरूरत नहीं है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को पैन कार्ड हासिल करने में दिक्कतें हो रही थीं और यह समस्या इस वजह से और बढ़ रही थी कि आधार में तीसरे लिंग की श्रेणी है लेकिन पैन में नहीं है। इसलिए ट्रांसजेंडर अपना पैन कार्ड अपने आधार से लिंक नहीं कर पा रहे थे।
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