नई दिल्ली। भारतीय लोकतंत्र के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों और अडाणी मुद्दे से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हुए हंगामे की वजह से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से राहुल गांधी को भी सदन में अपनी बात कहने का मौका नहीं मिल सका।
सोमवार से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लगातार पांचवे दिन लोकसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही और अन्य कामकाज नहीं हो सके।
सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया और प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी का नाम पुकारा। इस बीच कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर अडाणी समूह से जुड़े मामले की जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे।
उधर सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विदेश में राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाकर बैठे। उन्होंने सत्ता पक्ष के सदस्यों को भी बैठने का संकेत किया।
सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रही। सत्ता पक्ष के सदस्य राहुल गांधी माफी मांगो के नारे लगा रहे थे जबकि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल के सदस्य बोलने दो, बोलने दो..राहुल जी को बोलने दो के नारे लगा रहे थे। हालांकि, कांग्रेस नेता तिवारी ने पूरक प्रश्न पूछने के लिए सदन में व्यवस्था नहीं होने का उल्लेख किया। हंगामा नहीं थमता देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी।
इसी तरह भारतीय लोकतंत्र के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों और अडाणी मुद्दे से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
Edited by Nrapendra Gupta