People suffering due to flood in Vijayawada : आंध्र प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र विजयवाड़ा में सोमवार को कई लोगों को दूध और भोजन के पैकेट के लिए संघर्ष करना पड़ा। इतना ही नहीं, लोगों ने पिछले 3 दिन से हो रही परेशानियों के लिए सरकार की उदासीनता को लेकर शिकायत भी की। पिछले 3 दिन में हुई अभूतपूर्व मूसलाधार बारिश से वाणिज्यिक शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
बाढ़ग्रस्त इलाकों में अजीत सिंह नगर, नंदमुरी नगर, आंध्र प्रभा कॉलोनी, एलबीएस नगर, वैम्बे कॉलोनी और अयोध्या नगर शामिल हैं। इसके अलावा मधुर नगर, रामकृष्ण पुरम, न्यू राजराजेश्वरी पेटा, ओल्ड राजराजेश्वरी पेटा, पिपुला रोड, पायकापुरम, शांति नगर, प्रशांति नगर, जक्कमपुड़ी और पथपाडु में भी कुछ ऐसा ही हाल है। नैनावरम, चित्तीनगर, मिल्क परियोजना क्षेत्र, ब्रिज पेटा और अन्य जगहों पर भी लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
स्थानीय टीवी समाचार चैनलों पर प्रसारित दृश्यों में एक महिला मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के सामने रोते हुए अपनी पीड़ा बयां कर रही है। अजीत सिंह नगर में लोग पिछले दो दिन से पेयजल को भी तरस गए हैं। महिला ने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि कोई भी नौका उनकी मदद के लिए नहीं आई, जबकि कमर तक पानी में खड़ा एक अन्य व्यक्ति नायडू से सहायता के लिए विनती कर रहा है।
पिछले कुछ दिनों में नायडू तीसरी बार नौका से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ित ने सीधे नायडू से शिकायत की, कृपया हमारी हालत को समझें सर (मुख्यमंत्री)। हमारे पास पानी और भोजन नहीं है। पहली मंजिल तक पानी भर गया है। लोगों को अपने बच्चों को कंधे पर उठाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाते हुए बाढ़ के पानी से गुजरते देखा गया, जबकि गद्दे पर लेटी एक बुजुर्ग महिला को दो व्यक्तियों द्वारा बाढ़ के पानी के ऊपर से ले जाते देखा गया।
दूध और भोजन के लिए लंबी कतार : कुछ लोगों ने रस्सी के सहारे बाढ़ से बचने की कोशिश की। बाढ़ प्रभावित स्थानों में से एक स्थान पर दूध और भोजन के पैकेट लेने के लिए एक लंबी कतार देखी गई एक स्थानीय समाचार चैनल से एक व्यक्ति ने कहा, मैं भोजन के पैकेट के लिए तैरकर आया, लेकिन मुझे एक भी पैकेट नहीं मिला। एक अन्य व्यक्ति ने शिकायत की कि फंसे लोगों के समूह की मदद के लिए कोई नहीं आया।
दूध के पैकेट के लिए लंबी कतार में खड़े एक पीड़ित ने शिकायत की कि उन्हें रविवार सुबह से दूध नहीं मिला है। उसने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया, ये स्पीड बोट और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें बस, इधर-उधर घूम रही हैं। हम तैरकर आए हैं। कुछ लोग स्वेच्छा से निजी नौका के जरिए मदद कर रहे हैं। सरकार से कुछ नहीं मिल रहा है।
हमें कोई सामान की आपूर्ति नहीं की जा रही : इस बीच, राजीव नगर के बाढ़ प्रभावित कई लोगों ने शिकायत की कि कोई भी उनके इलाके पर ध्यान नहीं दे रहा है। इस इलाके के एक व्यक्ति ने कहा कि वह बच्चों के लिए दूध लेने आया है। दूध के लिए लगी कतार के पास से गुजर रही एक महिला ने कहा, कल से हमें न चावल मिला है, न पीने का पानी, न छाछ। हमें कोई सामान की आपूर्ति नहीं की जा रही है।
राज्य सरकार के अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में पिछले तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश और शहर के कई हिस्सों में 24 घंटे से अधिक समय तक बिजली कटौती के कारण जनजीवन बेहाल है। इंटरनेट और मोबाइल टेलीफोन नेटवर्क भी बाधित हो गया है और लंबे यातायात जाम के कारण हैदराबाद से सड़क संपर्क भी प्रभावित हो गया है।
विजयवाड़ा शहर और उसके आसपास के इलाकों में परिवहन व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। खम्मम के रास्ते हैदराबाद पहुंचने वाला मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध है, लेकिन पिडुगुराल्ला मार्ग से आवाजाही की जा सकती है। अजीत सिंह नगर की निवासी एम. सैलजा ने सोमवार को बताया, जलभराव की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। जल स्तर थोड़ा कम हुआ, लेकिन बारिश फिर से शुरू हो गई। आशंका है कि जब तक जल स्तर कम नहीं हो जाता, तब तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाएगी।
बाढ़ से 2.7 लाख से अधिक लोग बेहाल : अजीत सिंह नगर विजयवाड़ा में सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों में से एक है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को कहा था कि विजयवाड़ा शहर के कई हिस्सों में अभूतपूर्व बारिश के चलते नदियों के उफान पर आने के कारण बाढ़ आ गई है, जिससे 2.7 लाख से अधिक लोग बेहाल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नायडू को राज्य में भारी बारिश के बाद उत्पन्न संकट से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। मोदी ने राज्य में बाढ़ की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए नायडू से फोन पर बात की। राज्य में कई स्थानों पर भारी बारिश हो रही है और विजयवाड़ा सबसे अधिक प्रभावित है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour