नई दिल्ली। आपूर्ति में कमी और अमेरिका के ईरान के विरूद्ध प्रतिबंध लगाने की घोषणा से मंगलवार को कच्चा तेल साढे तीन वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में और तेजी आने की आशंका है।
उल्लेखनीय है कि भारत में कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर तेल कंपनियों ने लगातार 20 दिन तक पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आई तेजी से अब उन पर दाम बढ़ाने को लेकर दबाव बढ़ गया है।
ब्रेंट क्रुड 79 सेंट की बढ़त लेकर 79.02 डॉलर प्रति बैरल पर और अमेरिकी लाइट क्रुड 40 सेंट उठकर 71.36 डॉलर प्रति बैरल बोला गया जो नवंबर 2014 के बाद का उच्चतम स्तर है।
मांग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लेकिन ओपेक देशों द्वारा उत्पादन नियंत्रित करने से पिछले एक वर्ष में तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर करीब 70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अब अमेरिका ने ईरान पर उसके परमाणु कार्यक्रमों को लेकर प्रतिबंध लागने की घोषणा की है जिससे इस वर्ष के अंत में तेल की आपूर्ति में कमी आने की आशंका जताई जा रही है। इसके बाद से तेल की कीमतों में तेजी का रूख बना हुआ है।