PM Modi in DU : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षा की भविष्योन्मुखी नीतियों और निर्णयों का परिणाम है कि आज भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक पहचान बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ सिखाने की प्रक्रिया नहीं है बल्कि सीखने की भी प्रक्रिया है। उन्होंने छात्रों को बताया कि भविष्य का भारत कैसा होगा और किन किन क्षेत्रों में उन्हें अवसर मिलेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि छात्र सीखना क्या चाहते हैं जबकि पहले ध्यान इस बात पर दिया जाता था कि छात्रों को पढ़ाया क्या जाए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय कंप्यूटर सेंटर, प्रौद्योगिकी संकाय भवन और अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला भी रखी। ये भवन विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में बनाए जाएंगे।
अपनी हालिया अमेरिका यात्रा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (आईसीईटी) को लेकर हुए एक समझौते मात्र से देश के युवाओं के लिए जमीन से लेकर अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर से लेकर कृत्रिम मेधा (AI) तक नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि यह आहट है कि भविष्य का भारत कैसा होने वाला है, आपके लिए कैसे-कैसे अवसर दस्तक दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा सिर्फ सिखाने की प्रक्रिया नहीं है बल्कि सीखने की भी प्रक्रिया है और लंबे समय तक शिक्षा को लेकर ध्यान इस बात पर केंद्रित रहा कि छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए। हमने फोकस इस बात पर भी शिफ्ट किया कि छात्र क्या सीखना चाहता है। आप सभी के सामूहिक प्रयासों से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार हुई है और छात्रों को यह बड़ी सुविधा मिली है कि वह अपनी इच्छा से अपनी पसंद के विषयों का चुनाव कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा की भविष्योन्मुखी नीतियों और निर्णयों का परिणाम है कि आज भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक पहचान बढ़ रही है। साल 2014 में क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में केवल 12 भारतीय विश्वविद्यालय होते थे लेकिन आज यह संख्या 45 हो गई है।
Edited by : Nrapendra Gupta