मन की बात में दिव्यांगों पर क्या बोले मोदी...

Webdunia
रविवार, 25 दिसंबर 2016 (13:45 IST)
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामे की भेंट चढ़ने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हालांकि कहा कि हंगामे के बीच भी संसद में दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण से जुड़ा विधेयक पारित होना मन को संतोष प्रदान करने वाला है।
 
आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार संसद का सत्र देशवासियों की नाराजगी का कारण बना। चारों तरफ संसद की गतिविधि के संबंध में रोष प्रकट हुआ। राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति जी ने भी प्रकट रूप से नाराजगी व्यक्त की। लेकिन इस हालत में भी, कभी-कभी कुछ अच्छी बात भी हो जाती है और तब मन को बहुत संतोष मिलता है।
 
उन्होंने कहा कि संसद के हो-हल्ले के बीच एक ऐसा उत्तम काम हुआ जिसकी तरफ देश का ध्यान नहीं गया है। मुझे इस बात को बताते हुए गर्व और हर्ष की अनुभूति हो रही है कि दिव्यांग-जनों पर जिस मिशन को ले करके मेरी सरकार चली थी, उससे जुड़ा एक बिल संसद में पारित हो गया, इसके लिये मैं लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।
 
मोदी ने कहा कि देश के करोड़ों दिव्यांग-जनों की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं। दिव्यांगों के कल्याण के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। मैंने निजी-तौर पर भी इस बारे में मुहिम को गति देने की कोशिश भी की है। मेरा इरादा था, दिव्यांग-जनों को उनका हक मिले, सम्मान मिले, जिसके वो अधिकारी हैं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे प्रयासों और भरोसों को हमारे दिव्यांग भाई-बहनों ने उस वक्त और मजबूती दी जब वे पैरालंपिक में चार मेडल जीत कर ले आए। इन्होंने अपनी जीत से न केवल देश का मान बढ़ाया बल्कि अपनी क्षमता से लोगों को आश्चर्यचकित भी कर दिया।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे दिव्यांग भाई-बहन भी देश के हर नागरिक की तरह हमारी एक अनमोल विरासत है, अनमोल शक्ति है। मैं आज बेहद खुश हूं कि दिव्यांग-जनों के हित के लिए ये कानून पास होने के बाद दिव्यांगों के पास नौकरी के ज्यादा अवसर होंगे । सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा बढ़ा करके 4 प्रतिशत कर दी गई है।
 
मोदी ने कहा कि इस कानून से दिव्यांगों की शिक्षा, सुविधा और शिकायतों के लिए विशेष प्रावधान भी किए गए हैं। दिव्यांगों को ले करके सरकार कितनी संवेदनशील है इसका अंदाज आप इस बात से लगा सकते हैं कि केंद्र सरकार ने पिछले दो वर्ष में दिव्यांग-जनों के लिए चार हजार तीन सौ पचास कैंप लगाए, तीन सौ बावन करोड़ रुपए खर्च करके पांच लाख अस्सी हजार दिव्यांग भाई-बहनों को उपकरण बांटे।
 
उन्होंने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की भावना के अनुरूप ही नया कानून पारित किया है। पहले दिव्यांगों की श्रेणी सात प्रकार की हुआ करती थी, लेकिन अब कानून बना करके उसे इक्कीस प्रकार की कर दिया गया हैं इसमें चौदह नई श्रेणियां और जोड़ी गई हैं। दिव्यांगों की कई ऐसी श्रेणियां शामिल की गई हैं जिसे पहली बार न्याय मिला है, अवसर मिला है। (भाषा) 
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