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PM मोदी का ऐलान- अब डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से जाना जाएगा कोलकाता पोर्ट

Webdunia
रविवार, 12 जनवरी 2020 (15:00 IST)
कोलकाता। प्रधानमंत्री ने कोलकाता बंदरगाह न्यास की स्थापना के 150 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में इसका नाम श्यामाप्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा की और कहा कि देश के तट विकास के मुख्य द्वार हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल और यहां रहने वाले वंचित तबके के विकास के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
 
मोदी ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की इच्छुक नहीं है क्योंकि यह ‘सिंडिकेट’ को लाभ पहुंचाने वाला नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि जलमार्गों के विकास ने कोलकाता बंदरगाह न्यास और पूर्वी भारत के औद्योगिक केन्द्रों के बीच संपर्क में सुधार किया है। साथ ही भूटान, म्यामांर और नेपाल जैसे हमारे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार को सुगम बनाया है।
 
मोदी ने कहा कि हमारे देश के तट विकास के प्रवेश द्वार हैं और हमारी सरकार ने संपर्क में सुधार करने के लिए सागरमाला कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता को केन्द्र की सभी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र पश्चिम बंगाल, यहां के गरीबों, दलितों, वंचित और पिछड़े वर्ग के विकास के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है और जैसे ही पश्चिम बंगाल सरकार केन्द्र की आयुष्मान भारत योजना तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को मंजूरी देगी वैसे ही यहां की जनता को भी इन योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
 
मोदी वापस जाओ के नारे : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ छात्रों ने रविवार को लगातार दूसरे दिन यहां प्रदर्शन जारी रखा। इनमें से ज्यादातर छात्र कांग्रेस और वाम पार्टियों से संबद्ध हैं। नए कानून के किसी नागरिक के हित को नुकसान नहीं पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बावजूद इन छात्रों का प्रदर्शन यहां जारी है।
 
पश्चिम बंगाल की राजधानी के एस्प्लेनेड इलाके में शनिवार से सड़कों पर जमा हुए कार्यकर्ताओं ने रातभर अपना धरना जारी रखा और इस बात पर अड़े रहे कि प्रधानमंत्री के यहां से जाने तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थी, जिस पर ‘मोदी वापस जाओ’ और ‘भाजपा मुर्दाबाद’ लिखा था।
 
इनमें से कुछ ने यहां के दर्शनीय स्थलों पर सुबह से प्रदर्शन किया और 'विभाजनकारी' कानून लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी की।
 
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भ्रमित कर रहे हैं कुछ लोग : संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भय को दूर करते हुए, मोदी ने सुबह था कहा कि युवाओं के एक वर्ग को कानून को लेकर भ्रमित किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि यह किसी की नागरिकता नहीं लेगा।
 
उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर यह साफ करना चाहता हूं कि सीएए किसी की नागरिकता लेने नहीं बल्कि नागरिकता देने के बारे में है। प्रधानमंत्री शहर के दो दिन के दौरे पर आए हैं। शनिवार दोपहर मोदी के यहां पहुंचने पर उन्हें काले झंडे दिखाए गए और नारेबाजी की गई थी। (भाषा)

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