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पीएम मोदी बोले, हमने गरीबों को दिए जाने वाले राशन की सूची से 4 करोड़ फर्जी नामों को हटाया

हमें फॉलो करें पीएम मोदी बोले, हमने गरीबों को दिए जाने वाले राशन की सूची से 4 करोड़ फर्जी नामों को हटाया
, मंगलवार, 29 मार्च 2022 (15:39 IST)
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस सहित पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जब इन दलों की सरकार थी, तब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को दिए जाने वाले राशन को लूटने के लिए इन दलों ने अपने चार करोड़ फर्जी लोग कागजों में तैनात कर दिए थे, जो पैदा ही नहीं हुए थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने ऐसे फर्जी नामों को हटाया, ताकि गरीब को उसका हक मिल सके। मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत मध्यप्रदेश के 5.21 लाख लाभार्थियों का ‘गृह-प्रवेश’ कराने के लिए डिजिटल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही।
 
मोदी ने कांग्रेस एवं विपक्षी दलों की पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान पीडीएस में हुई धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि जब इन लोगों की सरकार थी, तो इन्होंने गरीबों के राशन को लूटने के लिए अपने चार करोड़ फर्जी लोग कागजों में तैनात कर दिए थे। ऐसे नाम जो पैदा ही नहीं हुए। इन 4 करोड़ फर्जी लोगों के नाम से राशन उठाया जाता था, बाजार में बेचा जाता था और उसके पैसे इन लोगों के काले खातों में पहुंचाया जाता था।
मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 में सरकार में आने के बाद से ही हमारी (भाजपा नीत) केन्द्र सरकार ने इन फर्जी नामों को खोजना शुरू किया और इन्हें राशन की सूची से हटाया ताकि गरीब को उसका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में बने करीब सवा पांच लाख घर, सिर्फ एक आंकड़ा नहीं बल्कि देश में सशक्त होते गरीब का पहचान हैं।
 
उन्होंने कहा कि गरीबों को उनका पक्का घर देने का यह अभियान सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है। यह गांव और गरीब को विश्वास देने की प्रतिबद्धता है। यह गरीब को गरीबी से बाहर निकलने की हिम्मत देने की पहली सीढ़ी है।
 
उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 2.5 करोड़ घरों का निर्माण किया गया है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित दो करोड़ घर शामिल हैं। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर बने हैं, उनमें से करीब दो करोड़ घरों का स्वामित्व महिलाओं का है। इस मालिकाना हक के जरिये घर के दूसरे आर्थिक फैसलों में भी महिलाओं की भागीदारी मजबूत हुई है।
 

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