नई दिल्ली। हाल ही में असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर पैदा हुए तनाव के मद्देनजर पूर्वोत्तर के भाजपा के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और आरोप लगाया कि कांग्रेस इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रही है।
मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें उकसाने वाले बयानों और सामग्रियों को तोड़मरोड़ कर बढ़ावा दे रही हैं और ऐसा करके क्षेत्र में आग को हवा देने का काम रही हैं। रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि पूर्वोत्तर उनके दिल के बेहद करीब है, इसलिए क्षेत्र के प्रति उनका प्यार भी स्वाभाविक है। रिजिजू के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि वे इस क्षेत्र को राजनीति के चश्मे से नहीं देखते।
इस मुलाकात के दौरान सांसदों के प्रतिनिधमंडल ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा और कहा कि जो भी तत्व असम-मिजोरम मामले को भारत में अव्यवस्था फैलाने के एक माध्यम के रूप में देख रहे हैं, उन्हें वे कहना चाहते हैं कि उनकी शरारत काम नहीं करने वाली है। ज्ञापन में सांसदों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने पूर्वोत्तर में विकास के ऐतिहासिक और बेमिसाल काम किए हैं। इस प्रतिनिधमंडल में पूर्वोत्तर के 16 सांसद मौजूद थे। इनमें 12 असम से, दो अरुणाचल प्रदेश और 1-1 मणिपुर और त्रिपुरा से थे।
मुख्यमंत्री के रुख में आया बदलाव : असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के रुख में भी अब बदलाव आया है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वे बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझाने पर विश्वास करते हैं। मिजोरम के सीएम जोरामथांगा ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा और गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत के बाद कहा कि दोनों राज्यों के बीच जो भी विवाद है उसे बातचीत और मैत्रीपूर्ण रवैये के साथ सुलझा लिया जाएगा।
सरमा ने कहा कि मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने की इच्छा व्यक्त की है। असम हमेशा उत्तर पूर्व की भावना को जीवित रखना चाहता है। हम अपनी सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। इसी सद्भावना भाव को आगे बढ़ाने के लिए मैंने असम पुलिस को राज्यसभा सांसद वनलालवेना के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने के लिए निर्देश दिया है।
7 की हुई थी मौत : असम और मिजोरम के बीच 26 जुलाई को तब तनाव बढ़ गया था जब मिजोरम के कोलासिब जिले के वायरेंग्टे कस्बे में दोनों राज्यों के लोग और पुलिस बल आमने-सामने हो गई थी। इस झड़प में 6 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई थी।
50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके बाद से दोनों राज्यों के बीच भारी तनाव है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय अर्धसैनिक बल की पांच कंपनियां इस इलाके में तैनात की हुई हैं। असम के जिले- कछार, करीमगंज और हैलाकांडी, मिजोरम के तीन जिलों- आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 तकरीबन किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना है लेकिन हाल के सालों में इस स्तर हिंसा पहली बार देखने को मिली है।