Civil Service Day : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सिविल सर्विस डे' पर अधिकारियों से कहा कि आज देश और आप सभी के प्रयासों से सिस्टम बदला है और देश के करीब करीब 3 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। आज ये पैसे गरीबों के काम आ रहे हैं, उनके जीवन को आसान बना रहे हैं। आज चुनौती ये नहीं है कि आप कितने efficient हैं, चुनौती ये तय करने में है कि जहां जो deficiency है वो कैसे दूर होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं। पहले कहा जाता था कि सरकार सब कुछ करेगी, अब सोच यह है कि सरकार सबके लिए करेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था। कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने 'पंच प्राणों' का आह्वान किया था। विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो। इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वो ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत सिर्फ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर या आधुनिक निर्माण तक सीमित नहीं है। विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि भारत का सरकारी सिस्टम हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करे। विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत का हर सरकारी कर्मचारी देशवासियों की सपनों को सच करने में उनकी मदद करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत में सिस्टम के साथ नेगेटिविटी जो पिछले दशकों में जुड़ी थी, वो पॉजिटिविटी में बदले।