नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को फिक्की सम्मेलन में कहा कि देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों में तेजी से काम किए गए है। उससे भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर पहले से कहीं अधिक वाइब्रेंट हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के उद्योग जगत से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार भी नीति और नीयत से पूरी तरह किसानों के हित में काम करने के लिये प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री यह बात ऐसे समय दोहरायी है जबकि किसानों के विभिन्न संगठन कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम, कृषक सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम को समाप्त किए जाने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर एक पखवाड़े से जमा किसान संगठनों के नेताओं ने आंदोलन तेज करने की धमकी दी है।
उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फ़ूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं। अब है सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे,नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा। इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा। इन सबका सबसे ज्यादा फायदा मेरे देश के किसान को होने वाला है।
उन्होंने कहा कि पिछले 6 वर्षों में भारत ने भी ऐसी ही सरकार देखी है, जो सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को समर्पित है। जो हर स्तर पर देशवासियों को आगे ले जाने के लिए काम कर रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने जिस तरह बीते कुछ महीनों में एकजुट होकर काम किया, नीतियां बनाई, निर्णय लिए हैं, स्थितियों को संभाला है। उसने पूरी दुनिया को चकित करके रख दिया है।
उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय भारत ने अपने नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी, ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाया। आज इसका नतीजा देश भी देख रहा है और दुनिया भी देख रही है।
इतने उत्तर चढ़ाव से देश और दुनिया गुजरी है कि कुछ वर्षों बाद जब हम कोरोना काल को याद करेंगे तो शायद यकीन ही नहीं आएगा। लेकिन अच्छी बात ये रही कि जितनी तेजी से हालात बिगड़े, उतनी ही तेजी के साथ सुधर भी रहे हैं।