नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कारगिल के शहीदों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि यह युद्ध भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान द्वारा पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश का परिणाम था। उन्होंने कहा, ‘आप कल्पना कर सकते हैं कि ऊंचे पहाड़ों पर बैठा हुआ दुश्मन और नीचे से लड़ रही हमारी सेनाएं, हमारे जवान। लेकिन जीत पहाड़ की ऊंचाई की नहीं, भारत की सेनाओं के, उनके हौसले और सच्ची वीरता की हुई।‘
आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की 67वीं कड़ी में लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर ये दुस्साहस किया था।
उन्होंने कहा, ‘आज 26 जुलाई है और आज का दिन बहुत खास है। आज कारगिल विजय दिवस है। 21 साल पहले आज ही के दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था।‘ उन्होंने कहा कि करगिल का युद्ध किन परिस्थितियों में हुआ था वह भारत कभी नहीं भूल सकता।
मोदी ने कहा, ‘पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था जबकि भारत, पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था।‘
उन्होंने कहा, ‘ऐसे स्वभाव के लोग जो हित करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं। इसीलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान द्वारा पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश हुई थी।‘
मोदी ने कहा कि लेकिन उसके बाद भारत की वीर सेना ने जो पराक्रम दिखाया, जो ताकत दिखाई, उसे पूरी दुनिया ने देखा।