नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने अहंकार, झूठ, निराशावाद और अज्ञानता की खुशफहमी में रह सकते हैं लेकिन लोगों को उनके विभाजनकारी एजेंडे से सावधान रहना चाहिए क्योंकि 70 साल की पुरानी आदत इतनी आसानी से नहीं जा सकती।
प्रधानमंत्री सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उस पोस्ट का शीर्षक था मेल्टडाउन-ए-आजम और इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा के सत्ता में आने के बाद हिंदी भाषी राज्यों में क्षेत्रीय विभाजन को भड़काने और मतदाताओं का अपमान करने के लिए बहाने और पारिस्थितिकी तंत्र के प्रयासों का हवाला दिया गया है।
राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को सिर्फ तेलंगाना में जीत मिली है और इसे उसके लिए सांत्वना जैसा बताया जा रहा है।
मोदी ने पोस्ट में कहा, 'वे अपने अहंकार, झूठ, निराशावाद और अज्ञानता में खुश रहें। लेकिन उनके विभाजनकारी एजेंडे से सावधान रहें। 70 साल की पुरानी आदत इतनी आसानी से नहीं छूट सकती। साथ ही, लोगों की बुद्धिमत्ता ऐसी है कि उन्हें आने वाले कई और मेल्टडाउन के लिए तैयार रहना होगा।'
किसी पोस्ट पर प्रतिक्रिया देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की ओर से की गई यह अभिव्यक्ति लीक से हटकर थी क्योंकि उन्होंने इस जवाब में सोशल मीडिया आक्रामकता की अभिव्यक्ति वाले इमोजी भी पोस्ट किए हैं जो कि आमतौर पर ऐसा नहीं करते हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री का पोस्ट दर्शाता है कि पार्टी ने हाल के महीनों में सोशल मीडिया पर अपनी पहुंच बढ़ा दी है।
एक नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह पोस्ट चौंकाने वाला नहीं है। यह आक्रामक है और विपक्षी पारिस्थितिकी तंत्र पर हमला है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर भाजपा की सामग्री के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। उनके मुताबिक पार्टी के अभियान और सोशल मीडिया की सामग्री में आक्रामक स्वर और तेवर देखे जा सकते हैं।
मोदी की पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए एक नेता ने इसकी तुलना तकनीकी रूप से सक्षम उस बल्लेबाज से की जो आवश्यकता पड़ने पर गेंद पर छक्का भी जड़ सकता है।