काशी विश्वनाथ धाम के कर्मचारियों को पीएम मोदी का तोहफा, भेजे जूट से बने 100 जोड़ी जूते

Webdunia
सोमवार, 10 जनवरी 2022 (12:56 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम में काम कर रहे लोगों के लिए जूट से बने 100 जोड़ी जूते भेजे हैं। उन्हें यह पता चला था कि धाम में ज्यादातर लोग नंगे पैर काम करते हैं क्योंकि मंदिर परिसर में चमड़े या रबड़ के जूते पहनने की मनाही है।
 
पीएम मोदी ने जिन लोगों के लिए जूते भेजे गए हैं उनमें पुजारी, सेवा करने वाले लोग, सुरक्षा कर्मी, सफाई कर्मी और अन्य लोग शामिल हैं।
 
मोदी ने जूट के जूते खरीदे और धाम में भेजे ताकि वहां ड्यूटी कर रहे लोगों को कड़ाके की ठंड में नंगे पैर न रहना पड़े।
Koo App
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बाबा काशी विश्वनाथ धाम में इस ठंड में नंगे पाँव ड्यूटी करने वाले पुजारियों, सुरक्षा गार्डों, सफाई कर्मचारियों और अन्य लोगों के लिए जूट के जूते उपहार में भेजे हैं । यह काशी विश्वनाथ धाम में काम करने वाले लोगों की छोटी-छोटी जरूरतों के प्रति प्रधानमंत्री जी की संवेदनशीलता को दर्शाता है। - Rishikesh Upadhyay (@rishikeshbjpayodhya) 10 Jan 2022
src="https://embed.kooapp.com/embedLoader.js"> > async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"> >
वाराणसी से सांसद मोदी का काशी विश्वनाथ धाम से गहरा जुड़ाव रहा है। वाराणसी में सभी मुद्दों तथा घटनाक्रम पर उनकी नजर रहती है। छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने तथा गरीबों के प्रति उनकी चिंता का यह एक और उदाहरण है।
 
मोदी ने पिछले महीने धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया था जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का विस्तार और उसका सौंदर्यकरण शामिल है। इस दौरान उन्होंने सफाईकर्मियों से साथ खाना भी खाया था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या नीतीश कुमार को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाना चाहती है भाजपा?

ओडिशा आत्मदाह केस में प्रोफेसर समीर साहू ने छात्रा से कहा था—तुम बच्ची नहीं हो, समझो मैं क्या चाहता हूं

निमिषा प्रिया की फांसी, क्‍या ब्‍लड मनी के लिए राजी हुआ परिवार?

Odisha : शराबी ऑटो चालक ने हथौड़ा मारकर की माता-पिता की हत्या, रातभर रहा शवों के पास

राजा हरि सिंह पर खान सर की टिप्पणी से छिड़ा विवाद, जानिए कश्मीर के भारत में विलय की पूरी कहानी

अमेरिकी नागरिकता वाले बच्चे को गोद लेने के बारे क्या क्या बोला बंबई उच्च न्यायालय

छत्तीसगढ़ विधानसभा में बवाल, 30 कांग्रेस सदस्य एक दिन के लिए निलंबित

दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा, बिना कक्षाओं के स्कूल कैसे संचालित किए जा सकते हैं?

क्या है ‘धर्मांतरण’ का असली एजेंडा, कहीं सॉफ्ट कन्वर्शन तो कहीं सामूहिक धर्मपरिवर्तन, समझिए क्या है ‘धर्मसंकट’

केरल के एक स्कूल में छात्र की करंट लगने से मौत, मंत्री ने दिए जांच के आदेश

अगला लेख