जंगी जहाज विक्रांत क्यों है खास? INS Vikrant की 10 बड़ी बातें

Webdunia
शुक्रवार, 2 सितम्बर 2022 (12:02 IST)
कोच्चि। देश को मिली स्वदेश निर्मित पहले विमान वाहक पोत INS विक्रांत की सौगात। यह नाम 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आईएनएस विक्रांत के नाम पर रखा गया है। इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी।
 
आईएनएस विक्रांत भारत में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है और इस के निर्माण पर 20 हजार करोड़ रूपए से अधिक की लागत आई है। यह भारतीय नौसेना के लिए देश में डिजाइन और निर्मित पहला विमानवाहक पोत भी है। इससे नौसेना के पास दो विमानवाहक पोत हो गए हैं और उसकी मारक क्षमता कई गुना बढ गई है।
 
इस विमानवाहक पोत के निर्माण के साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो विमानवाहक पोत बनाने में सक्षम है। इस पोत में इस्तेमाल 76 प्रतिशत साजो सामान घरेलू कम्पनियों द्वारा बनाया गया है।
 
प्नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिजाइन किया गया और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड मैसर्स कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) द्वारा निर्मित, स्वदेशी विमान वाहक का नाम उसके शानदार पूर्ववर्ती- भारत के पहले विमान वाहक युद्धपोत के नाम पर रखा गया है- जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
 
विक्रांत का अर्थ है विजयी और वीर, प्रतिष्ठित। इसकी नींव यानी इसे बनाने की प्रक्रिया अप्रैल 2005 में पारम्परिक स्टील कटिंग के साथ मजबूती से रखी गई थी।
 
262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा विक्रांत लगभग 43000 टन की भारवाहक क्षमता वाला है, जो एक बार 7500 समुद्री मील की दूरी तय करने में सक्षम है। इसकी अधिकतम गति 28 समुद्री मील प्रति घंटा है। जहाज में लगभग 2200 कंपार्टमेंट हैं और इसमें 1600 नौसैनिकों को तैनात किया जा सकता है, जिसमें महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए विशेष केबिन शामिल हैं।
विमानवाहक पोत में नवीनतम चिकित्सा उपकरण सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक मेडिकल परिसर है जिसमें मॉड्यूलर ऑपेरशन थिएटर, आपातकालीन मॉड्यूलर ऑपेरशन थिएटर, फिजियोथेरेपी क्लिनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, डेंटल कॉम्प्लेक्स, आइसोलेशन वार्ड और टेलीमेडिसिन सुविधाएं आदि शामिल हैं।
 
इस विमानवाहक पोत से स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) (नौसेना) के अलावा मिग-29 के लड़ाकू विमान, कामोव-31, एमएच-60आर बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टरों सहित 30 से अधिक विमानों का संचालन किया जा सकता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

चीन की यह परियोजना भारत के लिए है 'वाटर बम', अरुणाचल के CM पेमा खांडू ने चेताया

nimisha priya : कैसे बचेगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की जान, क्या होती है ब्लड मनी, किन हालातों में रुक सकती है फांसी

Donald Trump को Nobel Prize दिलाने के लिए उतावले क्यों हैं पाकिस्तान और इजराइल, क्या हैं नियम, कौन कर रहा है विरोध, कब-कब रहे हैं विवादित

बैकफुट पर CM रेखा गुप्ता, सरकारी आवास की मरम्मत का ठेका रद्द, जानिए कितने में हुआ था ठेका

Video : रिटायर होने के बाद क्या करेंगे गृह मंत्री अमित शाह, सहकारी कार्यकर्ताओं के सामने किया प्लान का खुलासा

सभी देखें

नवीनतम

JNU में रिटायरमेंट पर क्या बोले उपराष्‍ट्रपति धनखड़?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अब तक कितने देशों से मिले सम्मान

बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ आरोप तय, दिए थे देखते ही गोली मारने के आदेश

हिन्दी विवाद के बीच क्या बोले अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू

स्कूली छात्राओं के कपड़े उतरवाने के मामले में सीएम फडणवीस ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश

अगला लेख