पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, मैं 1.4 अरब भारतीयों के साथ दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। वह प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के शाश्वत प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि हम उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना करते हैं...।
दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु हैं और दुनिया भर में उनका काफी आदर सम्मान है। तिब्बती बौद्ध धर्म के इस सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता को पूरी दुनिया एक शांतिदूत के रूप में जानती है, लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि दलाई लामा उनका असली नाम नहीं, बल्कि एक उपाधि है। वर्तमान दलाई लामा इस परंपरा के 14वें तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु हैं, और उन्होंने पूरी दुनिया को अपने विचारों, साधना और जीवनशैली से प्रभावित किया है।
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क्या है दलाई लामा का असली नाम : दलाई लामा का असली नाम तेनज़िन ग्यात्सो (Tenzin Gyatso) है। इनका जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के ताक्सेर नामक गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। जानकारी अनुसार, जन्म के समय उनका नाम ल्हामो थोन्कप (Lhamo Thondup) रखा गया था। बाद में जब इन्हें 2 वर्ष की उम्र में 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म घोषित किया गया, तब इन्हें मठ में लाया गया और उनका नाम आधिकारिक रूप से तेनजिन ग्यात्सो रखा गया।
उम्र को लेकर क्या है दलाई लामा का दावा: दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना समारोह में अपने उत्तराधिकारी की घोषणा को लेकर जारी अफवाहों पर एक प्रकार से विराम लगाते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह लोगों की सेवा के लिए 30-40 साल और जीवित रहेंगे।
दलाई लामा ने कहा कि बचपन से ही उन्हें लगता था कि उनका अवलोकितेश्वर से गहरा नाता है। उन्होंने कहा कि मैं अब तक बुद्ध धर्म और तिब्बत के लोगों की अच्छी तरह से सेवा कर पाया हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं 130 साल से ज़्यादा जीऊंगा।
edited by : Nrapendra Gupta