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संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर गरमाई राजनीति, सदन बना अखाड़ा

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, सोमवार, 18 दिसंबर 2023 (13:19 IST)
नई दिल्लीसंसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे को लेकर सदन में राजनीति जमकर गरमा रही है। विपक्ष के जोरदार हंगामे और बहस के बीच सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। इस मुद्दे को लेकर सत्‍ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं।

बता दें कि इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लगातार सरकार के ऊपर हमलावर हैं। वे संसद की सुरक्षा में चूक और देश में बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रहे हैं।

क्‍या था मामला : 13 दिसंबर को लोकसभा में चार से पांच लोगों ने प्रदर्शन किया था। इन आरोपियों में से कुछ लोग संसद की दर्शक दीर्घा से कूदकर सदन में आ गए थे और वहां स्‍मोक फैला दिया था। इसी तरह कुछ लोग लोकसभा भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। सभी को सुरक्षाबलों ने बाद में हिरासत में ले लिया था। अब इसे लेकर मामला लगातार गर्म है।

क्‍या कहा लोस अध्‍यक्ष ने : बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गत 13 दिसंबर को सदन में दो युवकों के दर्शक दीर्घा से कूदने की सुरक्षा में चूक संबंधी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से चिंता जताई थी और सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के सुझाव के आधार पर उन्होंने कुछ सुरक्षा उपाय किए हैं और कुछ पर भविष्य में अमल किया जाएगा।
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उन्होंने सदन की अवमानना के मामले में पिछले सप्ताह विपक्ष के 13 सदस्यों को निलंबित किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि निलंबन का सुरक्षा में चूक की घटना से कोई संबंध नहीं है और इसका संबंध संसद की गरिमा एवं प्रतिष्ठा बनाये रखने से है।

उन्होंने कहा, ‘किसी भी सदस्य को निलंबित किया जाता है तो मुझे व्यक्तिगत पीड़ा होती है।’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे को लेकर निराशा प्रकट करते हुए कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण कि हम ऐसी घटनाओं को लेकर राजनीति कर रहे हैं। यह राजनीति करने वाली घटनाएं नहीं हैं।’

बिरला ने कहा कि नए संसद भवन में कामकाज शुरू करने से पहले सभी दलों के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई थी कि सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन नहीं किया जाएगा और सदन की गरिमा एवं मर्यादा को बनाकर रखा जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘नई संसद में कामकाज शुरू होने से पहले यह तय हुआ था कि (सदस्य) तख्ती लेकर नहीं आएंगे, उच्चकोटि की मर्यादाओं को बनाकर रखेंगे। संसद की मर्यादा और गरिमा बनाकर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। हम सभी को संसद की परिपाटियों और परंपराओं का पालन करना चाहिए।’

देश की जनता पसंद नहीं करती : बिरला ने कहा, ‘लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मेरा सार्थक, सकारात्मक चर्चा कराने का प्रयास रहता है। असहमति हो सकती है, लेकिन सकारात्मक तरीके से हो। तख्तियां लाना, नारेबाजी करना, आसन के समीप आना सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। देश की जनता भी इसे पसंद नहीं करती।’ ‘देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने, लोकतंत्र मजबूत करने, व्यापक चर्चा और संवाद के साथ जनता की भलाई के लिए मैं आपका सहयोग चाहता हूं।’
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अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘मेरा निवेदन है कि राष्ट्रहित में आप मुझे सहयोग करें। पूर्व में भी आपका सहयोग मिला है, लेकिन ये तख्तियां लेकर आना उचित नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘आप सबने कहा था कि तख्तियां लेकर नहीं आएंगे। आप फिर भी ऐसा कर रहे हैं और सदन की मर्यादा तोड़ रहे हैं। सदन तभी चलेगा जब तख्तियां लेकर नहीं आएंगे।’

उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर उच्च-स्तरीय जांच शुरू हो गई है और संसद स्तर पर भी जांच के लिए उच्चाधिकार-प्राप्त समिति बनाई गई है, जो संसद में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगी तथा सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी, ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना न घटे।

संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया।
Edited by navin rangiyal

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