सदन में अनुराग ठाकुर ने जो भाषण दिया, अब पीएम मोदी ने भी उसकी तारीफ की है। प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर कहा, यह भाषण मेरे युवा और ऊर्जावान सहयोगी अनुराग ठाकुर का है, जिसे अवश्य सुनना चाहिए। यह तथ्यों से समाहित है। यह I.N.D.I.A अलायंस की गंदी राजनीति को उजागर करता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी जातिवादी गाली को सुनने के लिए तैयार है, लेकिन जाति जनगणना कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
खरगे ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि हां, मैं भारतीय हूं और दलित हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम कितने हैं। हां, मैं आदिवासी हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम कितने हैं। हां, मैं ओबीसी हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम कितने हैं। आज हम सभी को यह आंकने की जरूरत है कि इस देश की तरक्की में हमारी कितनी भागीदारी है।
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लोकसभा में बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उन्होंने जाति नहीं पूछी। जो लोग जाति नहीं जानते हैं वे जाति जनगणना की बात कर रहे हैं। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, तो इसे अपने ऊपर क्यों ले रहे हैं? अनुराग ठाकुर ने सदन में इसे स्पष्ट किया। इनको मुद्दे से भटकाने के लिए कोई बहाना चाहिए। पंडित नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक, राजीव गांधी तक - सभी ने ओबीसी के लिए आरक्षण का विरोध किया है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ये जाति का सवाल नया नहीं है, जाति का सवाल बहुत पुराना है... जाति का सवाल जिसे जानना है उसे अंबेडकर की किताब एनिहिलेशन ऑफ़ कास्ट जरूर पढ़ना चाहिए...इनके (बीजेपी) पास क्या जाति तोड़ो आंदोलन का कोई विकल्प है। जिसको जाति को लेकर दिक्कत और परेशानी है उसे मंडल कमीशन की किताब आज ही खरीद लेनी चाहिए और प्रस्तावना पढ़नी चाहिए।...अगर जाति जनगणना की मांग हो रही है तो इसमें कोई गलत नहीं है। हमारे बहुत सारे फैसले और नीतियां तभी अच्छे होंगे जब जाति जनगणना होगा।
मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर कहा कि कल संसद में खासकर जाति व जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस और भाजपा में हुई तकरार (दरअसल) नाटकबाज़ी तथा ओबीसी समाज को छलने की कोशिश है, क्योंकि उनके आरक्षण को लेकर दोनों ही पार्टियों का इतिहास खुलेआम व पर्दे के पीछे भी घोर ओबीसी-विरोधी रहा है। इन पर विश्वास करना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि बसपा के प्रयासों से यहां लागू हुए ओबीसी आरक्षण की तरह ही, राष्ट्रीय जातीय जनगणना जनहित का एक खास राष्ट्रीय मुद्दा है और इसके प्रति केन्द्र को गंभीर होना जरूरी है। देश के विकास में करोड़ों गरीबों-पिछड़ों व बहुजनों का भी हक है जिसकी पूर्ति में जातीय जनगणना की अहम भूमिका है।
Edited by : Nrapendra Gupta