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क्‍या होता है cervical cancer जिसने ले ली मशहूर एक्‍ट्रेस, मॉडल poonam pandey की जान, कैसे बचें इस cancer से?

cervical cancer के बारे में क्‍या कहते हैं मशहूर गायनॉकोलॉजिस्‍ट?

हमें फॉलो करें cervical cancer

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2024 (12:51 IST)
  • दुनिया में महिलाओं की कुल आबादी का 16 फीसदी हिस्सा भारत में है
  • भारत में हर साल 80,000 महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होता है
  • 35,000 महिलाओं की इस कैंसर के कारण मौत हो जाती है
  • कैंसर से संबंधित कुल मौतों का 11.1 प्रतिशत कारण सर्वाइकल कैंसर है
Poonam Pandey death news: मशहूर एक्‍ट्रेस और मॉडल पूनम पांडे का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि पूनम पांडे को सर्वाइकल कैंसर था, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। पूनम के निधन की जानकारी उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर के दी गई है। पूनम पांडे के अचानक निधन से हर कोई हैरान हैं। पूनम 32 साल की थी। उनकी टीम की तरफ से कहा गया कि हमें दुख हो रहा है कि हमारी प्यारी पूनम को हमने सर्वाइकल कैंसर के हाथों खो दिया है। पूनम की मौत के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये सर्वाइकल कैंसर क्‍या है।

बजट में सर्वाइकल की चर्चा : बता दें कि गुरुवार को ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय अंतरिम बजट 2024-2025 पेश करते हुए घोषणा की थी कि सरकार सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष के आयु वर्ग की लड़कियों के टीकाकरण को प्रोत्साहित करेगी।

क्‍या होता है सर्वाइकल कैंसर : सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स की लाइनिंग, यानि यूटरस के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। सर्विक्स की लाइनिंग में दो तरह की कोशिकाएं होती हैं, स्क्वैमस या फ्लैट कोशिकाएं और स्तंभ कोशिकाएं। गर्भाशय ग्रीवा के क्षेत्र में जहां एक सेल दूसरे प्रकार की सेल में परिवर्तित होता है, उसे स्क्वेमो-कॉलमर जंक्शन कहा जाता है। यह ऐसा क्षेत्र है, जहां कैंसर के विकास की सबसे अधिक संभावना रहती है। गर्भाशय-ग्रीवा का कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है और समय के साथ पूर्ण विकसित हो जाता है।

16 फीसदी महिलाएं भारत में: बता दें कि दुनियाभर में महिलाओं की कुल आबादी का 16 फीसदी हिस्सा भारत में है। सर्वाइकल कैंसर के लगभग एक चौथाई मामले और वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों में से लगभग एक-तिहाई मौत भारत में होती हैं। अधिकारियों ने कहा था कि भारतीय महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने का जोखिम 1.6 प्रतिशत और सर्वाइकल कैंसर से मृत्यु का जोखिम एक प्रतिशत है।

35 हजार महिलाओं की मौत हर साल: कुछ ताजा रिपोर्ट और अनुमानों के मुताबिक भारत में हर साल लगभग 80,000 महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होता है और करीब 35,000 महिलाओं की इसके कारण मृत्यु हो जाती है। कैंसर से संबंधित कुल मौतों का 11.1 प्रतिशत कारण सर्वाइकल कैंसर ही है।

क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर : गायनॉकोलॉजिस्‍ट डॉ शैफाली जैन ने वेबदुनिया को बताया कि इससे बचाव ही इसका सबसे अच्‍छा तरीका है। इसके लिए देखना चाहिए कि परिवार में किसी को भी किसी तरह का कैंसर है तो उसे खासतौर से सतर्क रहना चाहिए। अगर गठान हो जाती है या बार बार वजन कम हो रहा है तो जांच कर लेना चाहिए। इसके साथ सबसे जरूरी है कि 14 से 26 साल की उम्र में लडकियों को वैक्‍सीन लगाना चाहिए। इसके दो डोज लगते हैं।
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क्‍या है सर्वाइकल कैंसर के लक्षण : हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉक्टर केके अग्रवाल के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर मानव पैपीलोमा वायरस या एचपीवी के कारण होता है। एचपीवी संक्रमण यौन संपर्क या त्वचा संपर्क के माध्यम से फैलता है।

कुछ महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में एचपीवी संक्रमण लगातार बना रहता है और इस रोग का कारण बनता है। इन परिवर्तनों का नियमित ग्रीवा कैंसर स्क्रीनिंग (पेप टेस्ट) द्वारा पता लगाया जा सकता है। पैप परीक्षण के साथ, गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं का एक सतही नमूना नियमित पेल्विक टेस्ट के दौरान एक ब्रश से लिया जाता है और कोशिकाओं के विश्लेषण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है।

सर्वाइकल कैंसर के कुछ लक्षण ऐसे हैं : योनि से असामान्य रूप से खून बहना, रजोनिवृत्ति या यौन संपर्क के बाद योनि से रक्तस्राव, सामान्य से अधिक लंबे समय तक मासिक धर्म, अन्य असामान्य योनि स्राव और यौन संबंध के बाद या इस दौरान दर्द के साथ रक्तस्राव होना।
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कैसे रोका जा सकता है ये कैंसर : सर्वाइकल कैंसर को अक्सर टीकाकरण और आधुनिक स्क्रीनिंग तकनीकों से रोका जा सकता है, जो गर्भाशय ग्रीवा में परिवर्तन का पता लगाता है। इस कैंसर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कैंसर की अवस्था या फिर अन्य स्वास्थ्य समस्याएं। इलाज के लिए सर्जरी, विकिरण, कीमोथेरेपी या फिर तीनों को मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैसे बचें सर्वाइकल कैंसर से?
  • कंडोम का इस्‍तेमाल किए बगैर यौन संपर्क न करें।
  • हर 3 साल में एक पेप टेस्ट करवाएं, क्योंकि समय पर पता लगने से इलाज हो सकता है।
  • धूम्रपान न करें, क्योंकि सिगरेट में निकोटीन और अन्य घटकों को रक्त की धारा से गुजरना पड़ता है और यह सब गर्भाशय-ग्रीवा में जमा होता है, जहां वे ग्रीवा कोशिकाओं के विकास में बाधक बनते हैं। धूम्रपान प्रतिरक्षी तंत्र को भी दबा सकता है।
  • फल, सब्जियों और पूर्ण अनाज से समृद्ध स्वस्थ आहार खाएं, लेकिन मोटापे से दूर रहें।
Edited by Navin Rangiyal

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