Political crisis in Karnataka Congress: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का ढाई साल का कार्यकाल पूरा होते ही मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान चरम पर पहुंच गई है। इस राजनीतिक गहमागहमी के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार खुलकर सामने आ गए हैं। उनका ताजा बयान चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी का उदाहरण देते हुए त्याग और कुर्बानी की बात कही है। यह महत्वपूर्ण बयान उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उपस्थिति में दिया, जिसे राजनीतिक गलियारों में एक सीधा संकेत माना जा रहा है। इस बीच, खबर यह भी है कि डीके शुक्रवार को दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात कर सकते हैं।
सोनिया के त्याग के उदाहरण : दरअसल, डीके सोनिया का उदाहरण देकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को यह संदेश देना चाह रहे हैं कि त्याग और कुर्बानी कांग्रेस की पहचान रही है। अत: सिद्धारमैया भी मुख्यमंत्री पद का त्याग करें। शिवकुमार ने कहा कि सोनिया गांधी ने 20 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में काम किया। उन्होंने अपनी सत्ता की कुर्बानी दे दी। उन्होंने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का सुझाव दिया। सोनिया के उदाहरण से शिवकुमार सीधे तौर पर सत्ता-साझाकरण के कथित वादे को लागू करने के लिए हाईकमान और सिद्धारमैया पर दबाव बना रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि शिवकुमार इस बार आरपार के मूड में हैं।
क्या कुर्सी छोड़ने को तैयार होंगे सिद्धा : 20 मई 2023 को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद, मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला था। कांग्रेस हाईकमान ने संतुलन साधते हुए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया था। इस दौरान मीडिया में यह खबर आई थी कि दोनों नेताओं के बीच ढाई-ढाई साल के रोटेशनल सीएम फॉर्मूला पर सहमति बनी है, जिसके तहत 2.5 साल बाद शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाना था। हालांकि कांग्रेस की ओर से कभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। सिद्धारमैया ने इस फॉर्मूले को खारिज करते हुए कहा था कि वह पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
हाईकमान की कड़ी परीक्षा : कर्नाटक में राजनीतिक संकट बढ़ने के बाद डीके शिवकुमार समर्थक कई विधायक अपनी मांग को लेकर दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मिल रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्वीकार किया है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है और उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए राहुल गांधी, सिद्धारमैया और शिवकुमार के साथ जल्द ही बैठक करने की बात कही है। इस बीच, खबर है कि शिवकुमार शुक्रवार को दिल्ली में राहुल गांधी और खरगे से मुलाकात कर सकते हैं। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान यदि इस संकट को सुलझाने में असफल रहता है तो कांग्रेस के हाथ से कर्नाटक की सत्ता फिसल भी सकती है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala